Maharashtra: अजित पवार को बड़ी राहत, 1000 करोड़ रु की जब्त संपत्तियां हुईं मुक्त – The Hill News

Maharashtra: अजित पवार को बड़ी राहत, 1000 करोड़ रु की जब्त संपत्तियां हुईं मुक्त

खबरें सुने

मुंबई, [7 दिसंबर]: महाराष्ट्र में महायुति सरकार के गठन के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार को एक बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग ने 2021 में जब्त की गई 1000 करोड़ रुपये से अधिक की उनकी और उनके परिवार की संपत्तियों को मुक्त कर दिया है। यह निर्णय बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा पवार और उनके परिवार पर लगाए गए बेनामी संपत्ति के स्वामित्व के आरोपों को खारिज करने के बाद आया है। यह फैसला पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक दिन बाद आया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

शपथ ग्रहण के अगले दिन मिली राहत:

महाराष्ट्र की राजनीति में आए इस अचानक बदलाव के बाद, देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के अगले ही दिन अजित पवार को यह बड़ी राहत मिली। यह संयोग या राजनीतिक रणनीति, इसका निर्धारण भविष्य में ही हो पाएगा, लेकिन वर्तमान में यह स्पष्ट है कि यह निर्णय पवार के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

बेनामी संपत्ति का आरोप:

साल 2021 में 7 अक्टूबर को आयकर विभाग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार और उनके परिवार के कई ठिकानों पर छापे मारे थे। इन छापों का कारण बेनामी संपत्ति रखने का आरोप था। इस दौरान सतारा में एक चीनी मिल, दिल्ली में एक फ्लैट, और गोवा में एक रिसॉर्ट समेत कई संपत्तियों को जब्त किया गया था। यह कार्रवाई आयकर विभाग द्वारा बेनामी लेनदेन अधिनियम के तहत की गई थी। यह कार्रवाई उस समय काफी चर्चा में रही थी और पवार के खिलाफ एक बड़ा आरोप बन गया था।

जांच में नहीं मिले पर्याप्त सबूत:

हालांकि, आयकर विभाग द्वारा की गई व्यापक जांच के बाद, न्यायाधिकरण ने पर्याप्त सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा कि जब्त की गई संपत्तियों के लिए वैध वित्तीय माध्यमों से भुगतान किया गया था और आयकर विभाग बेनामी संपत्तियों और पवार परिवार के बीच कोई ठोस संबंध स्थापित करने में विफल रहा।

न्यायाधिकरण का महत्वपूर्ण निष्कर्ष:

बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में कहा, “इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अजित पवार या उनके परिवार ने बेनामी संपत्तियां हासिल करने के लिए धन हस्तांतरित किया है। ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है जिससे यह साबित हो कि अजित पवार, सुनेत्रा पवार और पार्थ पवार ने बेनामी संपत्तियां हासिल करने के लिए धन हस्तांतरित किया।” यह स्पष्टीकरण पवार परिवार के लिए एक बड़ी राहत है और इसने आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

पवार परिवार का दावा:

अजित पवार और उनके परिवार के वकील प्रशांत पाटिल ने हमेशा से ही इन आरोपों को निराधार बताया था। उन्होंने कहा था कि इन संपत्तियों को हासिल करने के लिए सभी लेनदेन बैंकिंग प्रणाली सहित वैध चैनलों के माध्यम से किए गए थे और सभी रिकॉर्ड पूरी तरह से पारदर्शी हैं। न्यायाधिकरण के फैसले ने उनके दावों की पुष्टि की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पवार परिवार ने कोई भी गलत काम नहीं किया है और आरोपों का कोई कानूनी आधार नहीं है।

राजनीतिक प्रभाव:

यह फैसला महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। अजित पवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का उनके राजनीतिक करियर पर गहरा असर पड़ने की संभावना थी। लेकिन इस फैसले से उन्हें न केवल कानूनी परेशानी से मुक्ति मिली है, बल्कि उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा को भी मजबूती मिली है। यह उनके राजनीतिक भविष्य के लिए एक बड़ा उत्साहवर्धक संकेत है।

भविष्य की चुनौतियाँ:

हालांकि, इस फैसले के साथ ही अजित पवार के सामने कई नई चुनौतियाँ भी खड़ी हैं। उन्होंने महायुति सरकार में शामिल होकर एक जोखिम भरा कदम उठाया है और अब उन्हें सरकार की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। जनता की नज़रें अब उनकी कार्यशैली पर होंगी और उन्हें विकास और सुशासन के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

 

Pls read:Delhi: राज्यसभा में कांग्रेस सांसद की सीट के नीटे मिली नोटों की गड्डी, हंगामा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *