Uttarakhand: देहरादून से दिल्ली वोल्वो बस में चलने वाले परेशान, बसों का संचालन आधा हुआ – The Hill News

Uttarakhand: देहरादून से दिल्ली वोल्वो बस में चलने वाले परेशान, बसों का संचालन आधा हुआ

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दिल्ली में BS-4 श्रेणी की डीजल बसों पर लगे प्रतिबंध के कारण उत्तराखंड परिवहन निगम को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस प्रतिबंध से सबसे अधिक प्रभावित सुपर डीलक्स वोल्वो बस सेवा है। प्रतिबंध से पहले देहरादून से दिल्ली के लिए 27 और गुरुग्राम के लिए 2 वोल्वो बसें चलती थीं, जो अब घटकर केवल 7 रह गई हैं। इससे उच्च श्रेणी के यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।

वर्तमान में देहरादून से दिल्ली और गुरुग्राम के लिए केवल 7 BS-6 वोल्वो बसें चल रही हैं, जिनका संचालन समय इस प्रकार है: सुबह 6 बजे, सुबह 10 बजे (गुरुग्राम होते हुए), दोपहर 1 बजे, शाम 4 बजे, शाम 7 बजे, रात 10:15 बजे (गुरुग्राम होते हुए), और रात 12 बजे। प्रतिबंध से पहले सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक 29 वोल्वो बसें संचालित होती थीं। दिल्ली से देहरादून के लिए भी बसों की आवृत्ति में भारी कमी आई है; पहले हर घंटे बस चलती थी, अब दोपहर 12 बजे के बाद अगली बस शाम 7 बजे है।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग लगातार फुल चल रही है, जिससे यात्रियों को साधारण CNG या उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों का सहारा लेना पड़ रहा है। देहरादून से दिल्ली जाने वाली अनुबंधित बसों के समय में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। सुबह 4:30 बजे से रात 12 बजे तक चलने वाली 30 बसों में से 23 बसें दोपहर 3:15 बजे तक ही चलती हैं, इसके बाद अगली बस रात 9:10 बजे है। रात में यात्रियों की संख्या अधिक होने के बावजूद केवल 7 बसें चल रही हैं।

BS-4 बसों का संचालन पैरिफेरल हाईवे से किया जा रहा है। ये बसें जयपुर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, खाटूश्यामजी और आगरा जाती हैं। गुरुग्राम के लिए सुबह 9:30 बजे और रात 10 बजे, फरीदाबाद के लिए सुबह 10:30 बजे और रात 8 बजे बसें चल रही हैं। दिल्ली जाने वाली साधारण बस सेवाओं का संचालन मोहननगर तक सीमित कर दिया गया है।

दिल्ली में प्रतिबंध के बाद उत्तराखंड से दिल्ली जाने वाली बसों की संख्या 504 से घटकर 310 रह गई है। अकेले देहरादून से दिल्ली के लिए 150 बसें चलती थीं, जो अब घटकर 41 रह गई हैं। इनमें 30 अनुबंधित CNG, 7 वोल्वो और 4 BS-6 डीजल बसें शामिल हैं। मुख्य सचिव के निर्देश के बावजूद वोल्वो बसों के फेरे नहीं बढ़ाए गए हैं, जबकि एक बस प्रतिदिन डेढ़ ट्रिप लगा सकती है। यह स्थिति उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए एक बड़ी चुनौती है और यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

 

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