चंडीगढ़, 21 नवंबर: पंजाब के खनन और भूविज्ञान मंत्री, बारिंदर कुमार गोयल ने गुरुवार को वाणिज्यिक खनन स्थलों (CMS) के ठेकेदारों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में उन्होंने ठेकेदारों को राज्य के लोगों को उचित मूल्य पर रेत और बजरी उपलब्ध कराने के लिए कहा।
गोयल ने ठेकेदारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछली सरकारों के दौरान सक्रिय रेत माफिया का सफाया कर दिया है ताकि लोगों को सस्ती रेत मिल सके। उन्होंने बताया कि अब सार्वजनिक और वाणिज्यिक खनन स्थलों पर रेत केवल 5.50 रुपये प्रति घन फुट में बिक रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 73 सार्वजनिक खनन स्थल और 40 वाणिज्यिक खनन स्थल समूह चालू हो गए हैं, जहाँ रेत की कीमत 5.50 रुपये प्रति घन फुट है। 73 सार्वजनिक खनन स्थलों से अब तक 18.38 लाख मीट्रिक टन रेत निकाली जा चुकी है, जबकि कुल क्षमता 47.19 लाख मीट्रिक टन है। 40 वाणिज्यिक खनन स्थल समूहों में 138.68 लाख मीट्रिक टन रेत निकालने का लक्ष्य है, जिसमें से 34.50 लाख मीट्रिक टन पहले ही निकाली जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक और वाणिज्यिक खनन स्थलों पर अभी भी 132.99 लाख मीट्रिक टन से अधिक रेत और बजरी उपलब्ध है।
पिछली सरकारों पर तीखा प्रहार:
गोयल ने पिछली सरकारों पर राज्य में रेत माफिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि सभी जानते हैं कि ये नेता रेत माफिया के साथ मिलकर राज्य का शोषण करते थे। उन्होंने कहा कि मान सरकार ने रेत माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और अब तक अप्रैल 2022 से अक्टूबर 2024 के बीच खनन अधिनियम और नियमों के तहत 1360 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
भविष्य की योजनाएँ:
मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में कुल 150 सार्वजनिक खनन स्थल और 100 वाणिज्यिक खनन स्थल खोलने का लक्ष्य रखा है। सार्वजनिक खनन स्थलों से लोगों को खुद रेत निकालने और बेचने की अनुमति मिलेगी, जिससे आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतें कम होंगी।
गोयल ने ठेकेदारों की समस्याओं को भी सुना और उनके शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी कीमत पर परेशान नहीं किया जाएगा और अवैध खनन को पूरी तरह से रोकने के लिए सहयोग की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्यों से खनिज संसाधन लाने वाले अतिरिक्त भार वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और परिवहन विभाग को ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाएगा।
बैठक में खनन और भूविज्ञान सचिव गुरकिरात किरपाल सिंह, निदेशक खनन अभिजीत कपलीश और मुख्य अभियंता खनन डॉ. हरिंदर पाल सिंह बेदी भी उपस्थित थे।
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