शिमला: हिमाचल प्रदेश में लाखों बिजली उपभोक्ताओं को बिजली दरों में बढ़ोतरी के कारण महंगाई का झटका लगा है। राज्य सरकार ने बिजली दरों में ‘दूध सेस’ और ‘पर्यावरण सेस’ लगाकर दरों में बढ़ोतरी की है। घरेलू उपभोक्ताओं पर केवल ‘दूध सेस’ लागू होगा, जबकि अन्य उपभोक्ताओं पर ‘पर्यावरण सेस’ भी लागू होगा।
इस संशोधन के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10 पैसे का अतिरिक्त ‘दूध सेस’ देना होगा। जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य है, उन पर इस सेस का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस सेस से प्राप्त राजस्व का उपयोग हिमाचल प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुँचाने के लिए किया जाएगा।
पर्यावरण सेस: ‘पर्यावरण सेस’ के अंतर्गत:
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लघु औद्योगिक इकाइयाँ: 2 पैसे प्रति यूनिट
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मध्यम औद्योगिक इकाइयाँ: 4 पैसे प्रति यूनिट
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बड़े उद्योग: 10 पैसे प्रति यूनिट
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वाणिज्यिक क्षेत्र: 10 पैसे प्रति यूनिट
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अस्थायी कनेक्शन: 2 रुपये प्रति यूनिट
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पत्थर क्रशर: 2 रुपये प्रति यूनिट
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इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन: 6 रुपये प्रति यूनिट
लगभग 70 लाख की आबादी वाले हिमाचल प्रदेश में लगभग 28 लाख घरेलू और लगभग 2 लाख व्यावसायिक बिजली उपभोक्ता हैं।
300 यूनिट से अधिक खपत पर सब्सिडी नहीं: हिमाचल सरकार ने हाल ही में 300 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने का निर्णय रद्द कर दिया है। 300 यूनिट से कम खपत करने वालों को पहले की तरह सब्सिडी मिलती रहेगी। इस आदेश को 1 अक्टूबर से लागू किया गया है।
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