नई दिल्ली: मणिपुर में एक बार फिर सांप्रदायिक हिंसा की आग तेज हो गई है। पिछले साल मई से जारी जातीय संघर्ष के बीच, राज्य में हाल ही में हुई हिंसा ने केंद्र सरकार को चिंता में डाल दिया है। केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की और हिंसा रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अहम बैठक: सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका समेत अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।
5000 से अधिक कर्मियों की तैनाती: केंद्र सरकार ने मणिपुर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती का फैसला किया है। 5000 से अधिक कर्मियों वाली 50 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियां राज्य में भेजी जाएंगी। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पहले ही 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियां (सीआरपीएफ से 15 और बीएसएफ से 5) राज्य में भेजी हैं। इस सप्ताह तक अतिरिक्त 50 कंपनियों के मणिपुर पहुंचने की उम्मीद है। फ़िलहाल राज्य में 218 सीएपीएफ कंपनियां तैनात हैं। शनिवार को गृह मंत्रालय ने कहा कि मणिपुर में तैनात सभी सुरक्षा बलों को राज्य में व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
हिंसा भड़कने के कारण: मणिपुर में राहत शिविर से लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसा भड़क उठी थी। भीड़ ने कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की, साथ ही चर्चों और घरों को भी आग के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि महिलाओं और बच्चों की हत्या उग्रवादियों ने की है। सोमवार को सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में 10 कुकी उग्रवादी मारे गए थे।
विधायकों के घरों पर हमला: गुस्साई भीड़ ने रविवार को कई विधायकों, जिनमें लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, भाजपा विधायक वाई. राधेश्याम, भाजपा विधायक पोनम ब्रोजेन और कांग्रेस विधायक टी. लोकेश्वर शामिल हैं, के घरों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। हमले के वक्त विधायक और उनके परिवार के सदस्य घर पर नहीं थे।
एनपीपी का समर्थन वापस: इन हिंसक घटनाओं के बीच, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर निशाना साधा है, लेकिन स्पष्ट किया है कि यह समर्थन एनडीए से नहीं, बल्कि राज्य सरकार से वापस लिया गया है।
मणिपुर विधानसभा की स्थिति: 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में भाजपा के पास 37 सीटें हैं। एनपीपी के सात विधायक हैं, जिनका समर्थन वापस लेने से फिलहाल बीरेन सिंह सरकार को कोई खतरा नहीं है।
इंफाल में स्कूल-कॉलेज बंद: इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लगाए जाने के बीच, कई जिलों में राज्य विश्वविद्यालयों सहित संस्थानों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। इंफाल में सभी स्कूल और कॉलेज 19 नवंबर तक बंद रहेंगे।
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