पद्धर: लचकंडी हादसे ने दीवाली से पहले पांच घरों दीपक बुझा दिए। शादी समारोह से लौट रहे पांच युवक अपने स्वजन से दूर हो गए। चार दिन बाद दीवाली के त्योहार के लिए चल रही तैयारियां भी अब धरी की धरी रह गईं। अब तीन गांवों में न तो दीये जलेंगे और न पटाखे फूटेंगे। हादसे में मारे गए चालक राजेश कुमार तरसवाण पंचायत के मुलंग लहरयाणा के रहने वाले थे। अपनी रोजी रोटी के लिए वह गाड़ी लेकर गए थे।
वहीं बजोट गंगा राम, सहित धमच्याण के सागर, कर्म सिंह, गुलाब सिंह उनकी गाड़ी में दुल्हन के ससुराल गए थे। वहां पर समारोह में नाच गाकर वापस तो आए लेकिन अपने घर से पांच किलोमीटर दूर हादसे का शिकार हो गए। रात को हुए हादसे की जानकारी किसी को नहीं मिली। पांचों ने खुद को बचाने की कोशिश तो की लेकिन नियती को कुछ ओर मंजूर था।
हादसे के साथ सपना भी चला गया
अब पांच परिवारों को न भूलने वाला जख्म यह हादसा दे गया। कर्म सिंह के तो दो बेटियां और एक चार माह का बेटा है, जो अब अपने पिता से कभी नहीं मिल पाएंगे। वहीं सागर को दसवीं की परीक्षा देनी थी, जबकि शेष कॉलेज से पास आउट थे। हादसा इनके सपनों को इनके साथ ही ले गया।
सोमवार को इनका दाह संस्कार होगा, वहीं गांव में दीवाली के लिए दीये नहीं जलेंगे। ग्राम पंचायत धमच्याण के प्रधान कलि राम ने बताया कि पांचों युवक धमच्याण पंचायत निवासी थे। जिनमें सगे चाचा भतीजा की भी मौत हुई है।
25-25 हजार रुपये की फौरी राहत
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जिला मंडी के बरोट के समीप लचकन्डी में गत रात्रि सड़क दुर्घटना में पांच लोगों के निधन पर शोक व्यक्त किया है। सीएम सुक्खू ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने सड़क दुर्घटना के प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
जिला प्रशासन द्वारा मृतकों के परिजनों को फौरी राहत के रूप में 25-25 हजार रुपये प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की है। वहीं पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर, विधायक पूर्ण चंद, बीडीसी चेयरमैन शीला ठाकुर, उपाध्यक्ष कृष्ण भोज ने भी हादसे पर शोक व्यक्त किया।
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