कोलंबो: भारत को घेरने के लिए चीन हमेशा से अपने पड़ोसी देशों का फायदा उठाता रहा है, लेकिन इस बार श्रीलंका में उसे मुंह की खानी पड़ी है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान चीन को खरी-खरी सुनाई है।
दिसानायके ने कहा कि वो श्रीलंका की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ गतिविधियों के लिए नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के सुरक्षा हित आपस में जुड़े हुए हैं और श्रीलंका भारत के सुरक्षा हितों के प्रतिकूल कोई गतिविधि नहीं होने देगा।
इसके बदले में, भारत ने श्रीलंका को उसकी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। भारत द्विपक्षीय ऋण पुनर्गठन पर श्रीलंका के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा और निजी बांड धारक ऋण पुनर्गठन समझौते का समर्थन करेगा।
जयशंकर ने अपनी बैठक में कहा कि ऊर्जा उत्पादन और संचरण, ईंधन और एलएनजी आपूर्ति के क्षेत्र में चल रही पहल श्रीलंका के लिए आर्थिक स्थिरता में योगदान देगी और राजस्व के नए स्रोत प्रदान करेगी।
यह ध्यान देने योग्य है कि जयशंकर श्रीलंका का दौरा करने वाले पहले विदेश मंत्री हैं, जबसे 23 सितंबर को दिसानायके के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) सरकार सत्ता में आई है।
Pls Read:US: ट्रम्प का इजरायल को ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने की सलाह