नई दिल्ली: बुलडोजर एक्शन के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है और सड़क, जल निकायों या रेल पटरियों पर अतिक्रमण करने वाले किसी भी धार्मिक ढांचे को हटाया जाना चाहिए।
“हमारे निर्देश सभी पर लागू”: कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और बुलडोजर कार्रवाई और अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए उसके निर्देश सभी नागरिकों के लिए होंगे, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।
बुलडोजर कार्रवाई चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई: न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने अपराध के आरोपी लोगों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। कई राज्यों में चल रही इस प्रवृत्ति को अक्सर ‘बुलडोजर न्याय’ कहा जाता है। राज्य के अधिकारियों ने पहले कहा था कि ऐसे मामलों में केवल अवैध संरचनाओं को ही ध्वस्त किया जाता है।
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