देहरादून: उत्तराखंड में सरकार अगले छह महीनों में प्रदेश के 95 विकासखंडों के 7,674 गांवों में कूड़ा उठान और प्रबंधन का काम शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर “स्वच्छता ही सेवा-2024” कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए यह घोषणा की।
राज्य में कूड़ा प्रबंधन की स्थिति:
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उत्तराखंड में कुल 16,674 गांव हैं।
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9,000 गांवों में कचरा प्रबंधन का कार्य पहले ही शुरू हो चुका है।
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सरकार का लक्ष्य मार्च 2025 तक राज्य के सभी गांवों में कूड़ा प्रबंधन प्रणाली स्थापित करना है।
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उत्तराखंड में 92 शहरी निकाय क्षेत्रों में कूड़ा उठान और प्रबंधन पहले से ही चल रहा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र अब तक इस सुविधा से वंचित थे।
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ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़े का निपटान खाली प्लाट, सड़क किनारे या जलाकर किया जाता है।
मुख्यमंत्री की घोषणाएं:
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मुख्यमंत्री ने स्वच्छता पखवाड़ा की शुरुआत करते हुए अगले छह महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा उठान और प्रबंधन कार्य शुरू करने की घोषणा की।
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उन्होंने विश्वकर्मा दिवस पर पूजा-अर्चना की और स्वच्छता का संदेश देने के लिए क्रास कंट्री मैराथन को हरी झंडी दिखाई।
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उन्होंने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत पौधारोपण कर पर्यावरण के प्रति जागरुकता का संदेश दिया।
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उन्होंने बालिकाओं को किशोरी किट का वितरण किया।
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उन्होंने देहरादून नगर निगम द्वारा उठाए जा रहे सफाई के प्रयासों की सराहना की।
सरकार के स्वच्छता कार्यक्रम:
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उत्तराखंड को वर्ष 2017 में देश का चौथा ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) राज्य घोषित किया गया था।
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पांच लाख 37 हजार परिवारों के लिए शौचालय का निर्माण कराया गया है।
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2600 से अधिक शौचालय कॉम्प्लेक्स बनाए गए हैं।
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77 विकासखंडों में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की इकाइयां स्थापित की गई हैं।
सरकार की थीम:
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सरकार इस वर्ष “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” थीम पर आगे बढ़ रही है।
स्वच्छता रथ:
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मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकासखंडों के लिए स्वच्छता रथ भी रवाना किए।
अन्य:
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कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, निवर्तमान महापौर सुनील उनियाल गामा, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, विधायक खजानदास, सविता कपूर, उमेश शर्मा काऊ, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, जिलाधिकारी सविन बंसल आदि उपस्थित रहे।