देहरादून: सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, उत्तराखण्ड शासन, श्री शैलेश बगौली की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित सचिव महोदय के कक्ष में पेयजल एवं स्वच्छता से संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में दिए गए मुख्य निर्देश:
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एसटीपी और एफएसटीपी की स्थापना: सभी नगरों का आकलन कर कार्ययोजना तैयार की जाए कि किन-किन नगरों में एसटीपी (STP) और किन नगरों में एफएसटीपी (FSTP) की स्थापना की जानी है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी नगर का सीवरेज अपशिष्ट बिना उपचारित न रहे।
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डीपीआर तैयार करना: जिन नगरों में एसटीपी अथवा एफएसटीपी की आवश्यकता है, उनका विस्तृत विश्लेषण कर डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार कर ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।
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प्रगति रिपोर्ट: राज्य में संचालित प्रगतिशील कार्यों की प्रगति रिपोर्ट गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड की जाए।
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निर्माण कार्यों में तेजी: निर्माण कार्यों में शीघ्रता लाने तथा कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण किए जाने की आवश्यकता बताई गई।
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सेप्टेज प्रबंधन: छोटे और पर्वतीय नगरों में सेप्टेज प्रबंधन को प्रोत्साहित किया जाए।
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एसटीपी की क्षमता का परीक्षण: एसटीपी की क्षमता का परीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाए कि कौन-कौन से एसटीपी अपनी क्षमता के अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं, और इसका कारण स्पष्ट किया जाए।
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एफ्लुएंट परीक्षण: यह भी जाँचा जाए कि एसटीपी का एफ्लुएंट (उत्सर्जन) निर्धारित मानकों के अनुरूप है या नहीं।
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सह-उपचार सुविधाएँ: सभी मौजूदा एसटीपी में सह-उपचार (को-ट्रीटमेंट) सुविधाओं की स्थापना हेतु कार्ययोजना तैयार की जाए।
मुख्य बिंदु:
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बैठक का उद्देश्य राज्य में पेयजल एवं स्वच्छता व्यवस्था को सुधारना था।
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सचिव महोदय ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे इन कार्यों को समयबद्ध और प्रभावी ढंग से पूरा करें।
यह बैठक पेयजल एवं स्वच्छता व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
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