देहरादून: धामी मंत्रिमंडल के विस्तार का विषय एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गया है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के हालिया दिल्ली दौरों के बाद से इस चर्चा ने और तेज़ी पकड़ ली है।
मंत्रिमंडल में वर्तमान में चार पद रिक्त हैं, और इन पदों के लिए चार विधायकों की लॉटरी लग सकती है। इसके अलावा, कुछ मंत्रियों या उनके विभागों में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। अक्टूबर में संभावित नगर निकाय चुनाव से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होने की अटकलें तेज हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने दूसरे कार्यकाल में शपथ लेते समय मंत्रिमंडल में तीन पद रिक्त रखे थे। राज्य में मुख्यमंत्री समेत 12 सदस्य ही मंत्रिमंडल में हो सकते हैं। बाद में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के कारण मंत्रिमंडल में रिक्त पदों की संख्या चार हो गई। इस सबको देखते हुए अक्सर ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा होती आई है। मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरों के दौरान इसे लेकर चर्चा अधिक होती है।
मुख्यमंत्री और मंत्रियों के दिल्ली दौरे ने बढ़ाई हलचल
अब यह विषय फिर से चर्चा के केंद्र में है। वजह है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हालिया दिल्ली दौरा। यही नहीं, कई मंत्रियों ने भी इस बीच दिल्ली दौड़ लगाकर शीर्षस्थ नेताओं के दरबार में हाजिरी लगाई। इससे राजनीतिक गलियारों में भी हलचल होने लगी। यद्यपि, मुख्यमंत्री को तो अक्सर दिल्ली जाना पड़ता है, लेकिन मंत्रियों की दिल्ली दौड़ को सामान्य नहीं माना जा रहा। इसे मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर भी देखा जा रहा है। दरअसल, हाल में ही भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराख्रंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने संकेत दिए थे कि धामी मंत्रिमंडल में रिक्त मंत्री पदों को शीघ्र भरा जाएगा। मुख्यमंत्री के दिल्ली प्रवास से यह माना गया कि वह मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में केंद्रीय नेतृत्व से विमर्श कर सकते हैं। यद्यपि, मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरकार व संगठन की ओर से साफ तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा, लेकिन सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं।
मंत्रिमंडल में बदलाव भी संभावित
चर्चा तो यहां तक भी है कि आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही कुछ मंत्री अथवा उनके विभाग बदले भी जा सकते हैं। कुछ विधायकों की मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात को इस कड़ी में देखा जा रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा, यह तो भविष्य के गर्त में छिपा है, लेकिन तब तक के लिए मंत्री पद के तलबगारों की धड़कनें तो बढ़ ही गई हैं।