Punjab: वंशवादी नेताओं की प्रतिगामी और सामंती सोच के कारण सीमा क्षेत्र पिछड़ गया: मुख्यमंत्री – The Hill News

Punjab: वंशवादी नेताओं की प्रतिगामी और सामंती सोच के कारण सीमा क्षेत्र पिछड़ गया: मुख्यमंत्री

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  • कहते हैं कि इन अवसरवादी नेताओं के पास कोई विचारधारा नहीं है और उनका एकमात्र उद्देश्य सत्ता में बने रहना है
  • कहते हैं कि राज्य सरकार द्वारा बंद किए गए कुल 17 टोल प्लाजा में से 14 को सीमा क्षेत्र के स्वयंभू नेता ने शुरू किया था
  • भाई-भतीजावाद और पक्षपात के लिए पिछली सरकारों की आलोचना की, लेकिन कहा कि उनकी सरकार ने राज्य का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया है

राज्य द्वारा की गई कई क्रांतिकारी पहलों की सूची दी सरकार ने दीनानगर में नवनिर्मित रेलवे लाइन का लोकार्पण किया दीनानगर (गुरदासपुर), 29 जुलाई- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को कहा कि राज्य का प्रगतिशील और साहसी सीमावर्ती क्षेत्र लंबे समय से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राजवंशों की प्रतिगामी और सामंती नीतियों के कारण विकास की गति में पिछड़ गया था। रेलवे ओवर ब्रिज का लोकार्पण करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सीमावर्ती जिलों के निवासी बहादुर लोग हैं जिन्होंने हमेशा देश की एकता और संप्रभुता की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि यह महान गुरुओं की धरती है और यहां बहादुर और मेहनती लोग रहते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हालांकि इस क्षेत्र के नेता महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी क्षेत्र के विकास और लोगों के कल्याण की परवाह नहीं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से यहां से चुने गए नेताओं ने क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र ने महान देशभक्तों और राष्ट्रवादियों को जन्म दिया है, लेकिन इन शासकों के शासनकाल में इस क्षेत्र का विकास नहीं हुआ। भगवंत सिंह मान ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद इन नेताओं ने क्षेत्र के विकास के बजाय सिर्फ अपने विकास पर ध्यान केंद्रित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन अवसरवादी नेताओं के पास कोई विचारधारा नहीं है और इनका एकमात्र उद्देश्य सत्ता में बने रहना है, जिसके लिए वे बार-बार अपनी निष्ठा बदलते रहते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में एक घर में दो अलग-अलग पार्टियों के झंडे लगे हुए हैं, क्योंकि ये नेता चाहते हैं कि सारी सत्ता उनके हाथों में ही रहे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं ने लोगों द्वारा चुने जाने की उम्मीद में नए कपड़े सिलवाए थे, लेकिन उनके सपने कभी पूरे नहीं हुए क्योंकि लोगों ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा बंद किए गए 17 टोल प्लाजा में से 14 का निर्माण इस क्षेत्र के एक स्वयंभू नेता ने करवाया था, जो पीडब्ल्यूडी मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने लोगों के साथ सिर्फ दिखावटी काम किया है, जबकि उनकी सरकार ने लोगों को सेवाएं दी हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को ऐसे नेताओं को चुनना चाहिए जो उनके साथी हों, न कि ऐसे नेता जो उन पर राज करना चाहते हों। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से उन्होंने पदभार संभाला है, तब से राज्य में विकास और तरक्की की नई गाथा देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली सरकारों ने भाई-भतीजावाद और पक्षपात के अलावा कुछ नहीं किया, लेकिन उनकी सरकार ने राज्य का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने लोगों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब 90 प्रतिशत घरों को मुफ्त बिजली मिल रही है, 43,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं, लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी पहल आम आदमी की भलाई के लिए हैं और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार उनकी सरकार ने राज्य में मालवा नहर के निर्माण का काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि यह बात रिकॉर्ड में दर्ज है कि राज्य की पिछली किसी भी सरकार ने राज्य की इस जरूरत की तरफ ध्यान नहीं दिया। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि करीब 150 किलोमीटर लंबी यह नई नहर राज्य में खासकर मालवा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति और खुशहाली का नया युग शुरू करेगी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार इस प्रतिष्ठित परियोजना पर करीब 2300 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जो राज्य की करीब दो लाख एकड़ उपजाऊ भूमि की सिंचाई जरूरतों को पूरा करेगी। गुरबाणी की पंक्ति ‘पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत’ का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महान गुरुओं ने हवा (पवन) को शिक्षक, पानी (पानी) को पिता और जमीन (धरत) को मां के बराबर बताया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम गुरबाणी की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएं और राज्य के पर्यावरण को बचाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस नेक कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

 

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