शिमला, 24 july 2024 – हिमाचल प्रदेश सरकार शून्य पंजीकरण वाले 99 स्कूलों को बंद करने जा रही है, जबकि पांच से कम छात्र संख्या वाले 460 स्कूलों को मर्ज किया जाएगा।
इसके साथ लगते स्कूलों में इनके विद्यार्थियों को शिफ्ट किया जाएगा। वहीं, शैक्षणिक सत्र के बीच शिक्षकों के तबादले नहीं होंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा विभाग को इसका प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल को भेजने का निर्देश दिया है। तबादलों से पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए यह निर्णय लिया गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही इस पर अंतिम मुहर लगेगी।
मंगलवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्णय लिए गए हैं। स्कूलों को मर्ज करने के लिए सरकार ने दूरी तय की है। प्राथमिक स्कूलों के लिए यह दूरी दो किलोमीटर व मिडल के लिए तीन किलोमीटर रखी गई है।
मुख्य बिंदु:
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99 स्कूल बंद किए जाएँगे, जिनमें शून्य नामांकन है।
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460 स्कूल मर्ज किए जाएँगे, जिनमें 5 से कम छात्र हैं।
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मर्जिंग के लिए दूरी तय की गई है: प्राथमिक स्कूलों के लिए 2 किलोमीटर और मिडल के लिए 3 किलोमीटर।
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शैक्षणिक सत्र के बीच शिक्षकों के तबादले नहीं होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002-2003 में ड्राप आउट 130466 था, जो घटकर 2023-24 में 49,295 रह गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्कूलों के कामकाज को तर्कसंगत बनाना आवश्यक है। इस कदम से न केवल स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ सुनिश्चित होगा, बल्कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चरणबद्ध तरीके से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल स्थापित कर रही है। जनजातीय क्षेत्रों किन्नौर और स्पीति में दो पूरी तरह सुसज्जित बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे।
बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल, सचिव शिक्षा राकेश कंवर, निदेशक उच्चतर शिक्षा अमरजीत सिंह, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आशीष कोहली शामिल हुए।
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