वाशिंगटन, 23 जुलाई – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले के पीछे ईरानी साजिश का शक जताया जा रहा है। सीएनएन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका को हाल के हफ्तों में खुफिया जानकारी मिली थी कि ईरान ने ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी।
ईरानी खतरे के कारण बढ़ाई गई सुरक्षा:
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सीएनएन के अनुसार, अमेरिका को यह खुफिया जानकारी एक मानव स्त्रोत से मिली थी।
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अमेरिका को खतरे के बारे में पता चलने पर बाइडन प्रशासन ने सीक्रेट सर्विस के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया।
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ट्रंप की सुरक्षा टीम और उनके अभियान के प्रमुख एजेंट को भी इस बारे में जानकारी दी गई।
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सीक्रेट सर्विस ने ट्रंप की सुरक्षा बढ़ा दी थी।
ईरान की प्रतिक्रिया:
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ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने ट्रंप के विरुद्ध साजिश के आरोप को बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण बताया।
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ईरानी मिशन का कहना है कि ट्रंप अपराधी हैं और उनके खिलाफ ईरानी जनरल की हत्या के मामले में कार्रवाई होनी चाहिए।
सुरक्षा चूक:
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डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाने वाले हमलावर ने जिस छत से गोली चलाई, उसे सीक्रेट सर्विस ने अपनी सुरक्षा परिधि से बाहर रखा था।
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सीक्रेट सर्विस के दो पूर्व अधिकारियों ने इसे एक घातक चूक बताया है।
अमेरिकी अधिकारियों के बयान:
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राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वाटसन ने कहा कि अमेरिका कई सालों से ट्रंप प्रशासन के पूर्व अधिकारियों के विरुद्ध ईरानी खतरों पर नजर रख रहा है।
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वाटसन ने यह भी कहा कि अभी तक जांच में शूटर के साथ किसी भी साजिशकर्ता के संबंधों का पता नहीं चला है।
यह मामला अभी भी जांच के अधीन है:
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यह देखना बाकी है कि ट्रंप पर हमले के पीछे ईरान का हाथ था या नहीं।
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अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं।
यह घटना अमेरिका-ईरान के बीच तनाव को बढ़ा सकती है और दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकती है।
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