चिकित्सा, भौतिकी और रसायन के बाद आज साहित्य के क्षेत्र में भी नोबेल पुरस्कार देने का एलान कर दिया गया. इस साल साल 2021 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार तंजानिया देश के मशहूर उपन्यासकार अब्दुलरजाक गुर्नाह को दिया गया है. नोबेल कमेटी ने अपने बयान में कहा कि उपनिवेशवाद के खिलाफ रजाक ने किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया. उन्होंने इस बुराई की जड़ पर अपने साहित्य के जरिए प्रहार किया. गुर्नाह की कोशिश है कि महाद्वीपों के बीच सांस्कृतिक अंतर की गहरी खाई को लेखनी के जरिए भरा जाए. नोबेल एकेडमी की तरफ से जारी बयान में कहा गया- अब्दुल संस्कृति के विस्तार के हिमायती रहे हैं. उन्हें बचपन से ही साहित्य के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने का शौक था. आप उनकी जीवन यात्रा में इसकी झलक देख सकते हैं. जीवन के आखिरी दौर में भी उन्होंने लिखना नहीं छोड़ा. बता दें कि अब्दुलरजाक का जन्म 1948 में हुआ था.