नई टिहरी, 28 फरवरी: उत्तराखंड के शासन ने स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एंड एप्लाइड न्यूट्रिशन संस्थान (आईएचएम), नई टिहरी के निदेशक/प्राचार्य (संविदा) डॉ. यशपाल सिंह नेगी की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। यह कार्रवाई गलत तथ्यों के आधार पर नियुक्ति पाने, वित्तीय अनियमितताओं और अधीनस्थ कर्मचारियों का उत्पीड़न करने के आरोपों के बाद की गई है। नेगी से वेतन की वसूली भी की जाएगी।
पर्यटन निदेशालय ने आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया था। समिति की रिपोर्ट के आधार पर, निदेशक पर्यटन/मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुर्वे ने नेगी को पद पर नियम विरुद्ध नियुक्ति पाने का दोषी पाते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
डीएम टिहरी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि नेगी को गलत तथ्यों/बयानों के आधार पर नियुक्ति मिली थी। उनकी नियुक्ति की तिथि से वर्तमान तक उन्हें मिले वेतन की राजस्व वसूली करने के निर्देश दिए गए हैं।
नेगी पर आरोप:
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नेगी को 7 सितंबर 2015 में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर तैनाती मिली थी। 2016 में उन्हें निदेशक/प्राचार्य (संविदा) पर नियुक्त किया गया था।
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कर्मचारियों का उत्पीड़न करने, एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी की डिग्री होने का गलत दावा करने, निदेशक/प्राचार्य पद के लिए पर्यवेक्षक/सह पर्यवेक्षक के रूप में न्यूनतम दो सफल पीएचडी अभ्यर्थियों का मार्ग दर्शन करने संबंधी गलत सूचना देने,
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कार्यालय में दैनिक आधार पर बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज न कराने और अनुपस्थित होने की दशा में मैन्युअल उपस्थिति पंजीका में एक साथ कई दिनों के हस्ताक्षर करने,
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सहायक प्रो. हितेश रमोला के बैंक खाते में नियम विरुद्ध 49,800 रुपये की धनराशि हस्तांतरित करने,
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कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान न करने के आरोप हैं।
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