-पंजाब पुलिस मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच के अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध
-भरोसा हासिल करने के लिए छोटे-मोटे काम करने के लिए पीडि़तों को देते थे पैसे: डीजीपी गौरव यादव
-प्राथमिक जांच के अनुसार विदेश बैठे सरगना क्रिप्टोकरंसी के द्वारा प्राप्त कर रहे थे पैसे: एडीजीपी वी. नीरजा
चंडीगढ़, फरवरी:
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच के अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के मद्देनजऱ चलाई जा रही मुहिम के दौरान पंजाब पुलिस के साईबर क्राइम डिविजऩ ने असम के अलग-अलग जिलों से चार साईबर अपराधियों को गिरफ़्तार करके एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन जॉब फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह जानकारी पुलिस डायरैक्टर जनरल (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने गुरूवार को यहाँ दी।
यह गिरोह के ‘टैलिग्राम’ मोबाइल ऐप के ग्रुपों का प्रयोग करके ‘‘वर्क फ्रॉम होम’’ की नौकरियों की पेशकश करके भोले-भाले व्यक्तियों को अपने जाल में फसाता था।
‘‘डीजीपी ने बताया कि इस गिरोह के मैंबर भरोसा हासिल करने के लिए पहले पीडि़तों को छोटे-मोटे काम करने के बदले छोटी-मोटी रकम अदा करते थे। बाद में, पीडि़त को बड़ी रकम वापस करने का लालच देकर अलग- अलग तरह के बहानों से पैसे ठगते थे। उन्होंने कहा कि इन गिरफ़्तारियों से पंजाब पुलिस ने पूरे देश में बड़े स्तर पर फैले साईबर धोखाधड़ी गठजोड़ पर नकेल कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
गिरफ़्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान जहीरुल इस्लाम, रफीउल इस्लाम, महबूब आलम और अज़ीज़ुर रहमान के रूप में हुई है। पुलिस टीमों ने उनके पास से दो स्वाइप मशीनें, दो बायोमैट्रिक स्कैनर, एक आई स्कैनर, एक फिंगरप्रिंट स्कैनर, 38 पैन कार्ड, 32 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 16 सिम कार्ड, 10 वोटर कार्ड, 9 आधार कार्ड, 10 बैंक खातों की पासबुक/चैकबुक, पाँच सरकारी रसीदी टिकटें, पाँच मोबाइल फ़ोन, एक लैपटॉप, दो पैन ड्राईव और एक एसबीआई आईडी कार्ड बरामद किया है।
एडीजीपी साईबर क्राइम वी. नीरजा ने बताया कि धोखेबाज़ों द्वारा 25 लाख रुपए की ठगी का शिकार हुई एक औरत की शिकायत के बाद, एसआई जुझार सिंह जंजुआ और एसआई दविन्दर काश्नी के नेतृत्व में साईबर क्राइम टीम ने मामले की जांच की और पाया कि यह गिरोह असम के अलग-अलग जिलों से चलाया जा रहा था।
ऑपरेशन के दौरान, मुलजिम जहीरुल इस्लाम और रफीउल इस्लाम को असम के नगाओं जिले से गिरफ़्तार किया गया, जिन्होंने खुलासा किया कि वह ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए एक कस्टमर सर्विसिज प्वाइंट (सीएसपी) चला रहे थे और आसान ढंग से पैसे कमाने के लिए वह आम लोगों के दस्तावेज़ों के अडोब फोटोशॉप सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके डुप्लिकेट पैन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड बनाते थे, जिनका प्रयोग उन्होंने बैंक खाते खोलने और एक अन्य दोषी महबूब आलम के निर्देशों पर सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए किया था।
एडीजीपी ने कहा कि इसके बाद महबूब आलम को गुवाहाटी जि़ले से गिरफ़्तार किया गया, जिसने खुलासा किया कि वह अज़ीज़ुर रहमान के संपर्क में आया था, जिसने उसे कमीशन के आधार पर बैंक खाते मुहैया करवाने के लिए कहा था। पुलिस टीमों ने असम के मोरीगांव जि़ले से मुलजिम अज़ीज़ुर रहमान को भी गिरफ़्तार कर लिया है।
अधिक जानकारी को साझा करते हुए डी.आई.जी. साईबर क्राइम नीलांबरी जगदले ने बताया कि जांच में सामने आया है कि अब तक 23 राज्यों के 160 पीडि़तों के साथ धोखाधड़ी की गई है और आगे की जांच के दौरान और पीडि़तों की पहचान होने की संभावना है।
प्राथमिक जांच से यह भी पता लगा है कि मुख्य सरगना, जो विदेशों से इस धोखाधड़ी के रैकेट को चला रहे हैं, क्रिप्टोकरंसी में पैसे प्राप्त कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि डीएसपी साईबर क्राइम, प्रभजोत कौर द्वारा जांच की जा रही है और अन्य गिरफ़्तारियाँ होने की आशा है।
इस सम्बन्धी एक केस नं. 29 तारीख़ 13/10/2023 को एस.ए.एस. नगर में स्टेट साईबर क्राइम में आई.पी.सी. की धारा 420 और 120-बी के अंतर्गत दर्ज किया गया है।
बॉक्स: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर धोखाधड़ी वाली गतिविधियों से सावधान रहें
– ‘वर्क फ्रॉम होम’ जैसे आसानी से पैसे कमाने के लालच देने वाले टैलिग्राम ग्रुपों से बचें
– बड़ी वापसी के लालच में कभी भी किसी को ऑनलाइन भुगतान न करें
– अनजान स्रोतों से लिंक पर क्लिक करने या फाइलों को डाउनलोड करने से बचें
– किसी भी ऐप पर कभी भी डेबिट/क्रेडिट कार्ड या बैंक के विवरण साझे न करें
– छूटों और इनामों की पेशकश करने वाले लिंक पर कभी भी क्लिक न करें