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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वोच्च अदालत और हाईकोर्टों में जजों की नियुक्ति करने वाली कॉलेजियम प्रणाली के खिलाफ याचिका की सुनवाई के लिए एक खंडपीठ के गठन का फैसला लिया है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुमपारा ने बताया कि एक पुरानी याचिका की जल्दी सुनवाई करनी होगी। इसके लिए नेदुमपारा ने विगत 25 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज संजय किशन कौल के एक इंटरव्यू का हवाला दिया।
उन्होंने कहा कि अगर लोग कहें कि कॉलेजियम सही तरह से चलता है तो यह अस्वाभाविक लगेगा क्योंकि इसमें तथ्य नहीं है। यह बात बड़ी तादात में लंबित नियुक्तियों से पता चलती है। आज तक भी जिन लोगों को चुना गया उनमें कई लोगों के नाम लंबित हैं। हमें मानना ही होगा कि प्रणाली में कोई तो दिक्कत है। अगर हम समस्या की अनदेखी करेंगे तो इसका समाधान नहीं होगा। हालांकि मौजूदा समय में कोलेजियम प्रणाली ही देश का कानून है और उसका अवश्य ही पालन किया जाना चाहिए।
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