– फूड एंड ड्रग्गज़ एडमिनिस्ट्रेशन ने अक्तूबर में दूध उत्पादों और मिठाईयों के 934 सैंपल लिए
– मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार त्योहारों के सीजन के दौरान मिलावट रहित ख़ाद्य वस्तुएँ यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध
– गुणवत्ता के मानक के साथ समझौता करने वाले दोषियों के विरुद्ध की जायेगी सख़्त कार्यवाही : स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह
चंडीगढ़, 3 नवंबरः
त्योहारों के चल रहे सीजन के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा- निर्देशों के अंतर्गत दूध, दूध से बनीं वस्तुएँ और मिठाईयों की शुद्धता को यकीनी बनाने के लिए पंजाब फूड एंड ड्रग्गज़ एडमिनिस्ट्रेशन ( एफ. डी. ए.) ने दूध उत्पादन इकाईयों, डिस्ट्रीब्यूशन नैटवर्क और रिटेल आउटलेट्स पर निगरानी को और तेज कर दिया है।
यह जानकारी देते हुये आज यहाँ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा कि इस त्योहारों के सीजन के दौरान मिलावटखोरी की समस्या से निपटने और मानक भोजन पदार्थों को यकीनी बनाने के लिए राज्य भर में विशेष चैकिंग अभ्यान चलाने के लिए अंतर- ज़िला टीमें तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि यह टीमें मिलावट का पता लगाने के लिए इन उत्पादों के नियमित नमूने लेने के साथ-साथ इसकी टेस्टिंग कर रही हैं।
इस मुहिम के दौरान अब तक अक्तूबर महीने के दौरान जांच के लिए 934 नमूने लिए गए हैं, जिनमें खोया के 43 नमूने, खोया से बनाई गई मिठाई के 97, रंगदार मिठाई के 92 नमूने, पनीर के 27 नमूने, रंगदार बेकरी आइटम केक के 112 नमूने, चाँदी के वर्क वाली मिठायी के 70 नमूने, सूखे मेवे के 104 नमूने और अलग-अलग खाने- पीने वाले पदार्थों के 389 नमूने शामिल हैं। स्टेट फूड लैबारटरी से जांच रिपोर्ट मिलने के उपरांत उल्लंघन करने वालों को अदालत में पेश करके आगे कानूनी कार्यवाही शुरू की जा रही है।
डा. बलबीर सिंह ने नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए लोगों को सचेत रहने और किसी भी दुकान पर मिलावट का शक होने पर इस सम्बन्धी रिपोर्ट करने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के मापदण्डों के साथ समझौता करने वाले दोषी पाये जाने वालों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जायेगी और इसके साथ ही आम लोगों को असली उत्पादों की पहचान करने और भोजन में मिलावट सम्बन्धी शक्की गतिविधियों की रिपोर्ट करने के बारे जागरूक करने के लिए जन जागरूकता मुहिमें भी चलाईं जा रही हैं।
कमिश्नर एफ. डी. ए. डा. अभिनव त्रिखा ने दोहराया कि समूचा फूड सेफ्टी विंग पंजाब में ख़ाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता के मानक को कायम रखने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसी भी किस्म की मिलावट को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने कहा कि दूध और दूध से बनीं वस्तुएँ ख़ास कर खोया और अन्य मिठाईयों की अंतर- ज़िला और अंतरराज्यीय सप्लाई को कंट्रोल और चैकिंग के लिए राज्य भर में फूड सेफ्टी अधिकारियों की तरफ से सुबह और देर शाम मुहिम चलाई जा रही है।
फूड सेफ्टी के ज्वाइंट कमिश्नर हरजोत पाल सिंह ने बताया कि मिठाईयों और बेकरी निर्माताओं को हिदायत की जाती है कि वह कुदरती रंगों का ही प्रयोग करें और ज़रूरत पड़ने पर फूड सेफ्टी रैगूलेशनज़ 2011 के अंतर्गत सिर्फ़ सिंथेटिक रंगों का ही प्रयोग किया जाये।
उन्होंने कहा कि दूध और दूध उत्पादों की खरीद अच्छी प्रतिष्ठा वाले निर्माता से ही की जाये और खरीद का बिल लेना यकीनी बनाया जाये। उन्होंने फूड बिज़नस आपरेटरों को दूसरे जिलों या राज्यों से मिठाईयों, ख़ास तौर पर खोया से बनीं मिठाईयों की खरीद न करने के निर्देश भी दिए हैं क्योंकि यह आम तौर पर घटिया गुणवत्ता वाली मानी जाती हैं।
इस दौरान ज़िला बरनाला में मिलावटी घी, सरसों के तेल और रिफायंड तेल की बड़ी खेप ज़ब्त की गई। इसी तरह ज़िला अमृतसर की टीम ने 337 किलो नकली खोया और 115 किलो वनस्पति नष्ट की और इसके साथ ही मिलावटखोरी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा 62 किलो एस. एम. पी. वी ज़ब्त किया। टीमों ने ज़िला एस. बी. एस. नगर में मियाद बीत चुकी(एक्स्पायर्ड) दालों का स्टाक भी ज़ब्त किया।
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