रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में भू-स्वामित्व के साथ भवन देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से तीर्थ पुरोहित आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। हालांकि बाजार समेत होटल और लाज खुले हैं। केदारसभा के आह्वान पर केदारपुरी में 24 घंटे से बंद प्रतिष्ठानों को रविवार को खोल दिया गया। पुरोहितों ने कहा कि केदारनाथ आपदा को 10 वर्ष बीतने के बावजूद अभी तक उन्हें भू स्वामित्व नहीं मिला है। जबकि, ध्वस्त भवनों को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं है। धाम में बिना तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए भवनों से छेड़छाड़ की जा रही है।
इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगी सोने की परत की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी दोहराई। सोमवार को केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, मंत्री अंकित सेमवाल, कोषाध्यक्ष प्रवीण तिवारी, सदस्य प्रदीप शुक्ला एवं पंकज शुक्ला आमरण अनशन पर बैठेंगे। चारधाम तीर्थ महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बयान में कहा कि केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित पिछले 10 वर्षों से अपने पुनर्स्थापन की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक यह मांग पूरी नहीं हो पाई है। महापंचायत अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा अगर केदारसभा के तीर्थ पुरोहितों की चार सूत्र मांगों को जल्दी पूरा नहीं किया गया तो चारों धामों में आंदोलन किया जाएगा। रात्रि को तीर्थ यात्रियों ने झेली दिक्कत शनिवार को केदारनाथ धाम में बाजार के साथ होटल-लाज बंद होने से तीर्थ यात्रियों को काफी परेशानी हुई।
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