शिमला। नगर निगम शिमला के चुनाव में हार से भाजपा की लगातार पराजय का सिलसिला टूट नहीं रहा है। पिछले तीन सालों में विधानसभा, लोकसभा उपचुनाव के बाद निकाय चुनाव में भाजपा हारी है। पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और नए पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल जैसे दिग्गज नेता विधानसभा चुनाव के बाद नगर निगम शिमला का चुनाव फिर चूक गए हैं। चुनाव के बीच भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और संगठन महामंत्री को बदलने की भाजपा की रणनीति भी फेल हो गई। नगर निगम पालमपुर के एक वार्ड के लिए हुए चुनाव में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है।नगर निगम शिमला के चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी थी। प्रचार की मोर्चेबंदी खुद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी जैसे नेताओं ने संभाल रखी थी। डॉ. बिंदल ने बीच में दोहराया भी कि वे पहले से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही चुनाव प्रचार को आगे बढ़ा रहे हैं। जयराम ठाकुर, सुरेश कश्यप, डॉ. बिंदल और अन्य तमाम नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान कठिन परिश्रम किया, मगर यह चुनाव हाथ से निकल गए।
अब नगर निगम शिमला के इन चुनाव को गंवाने के बाद अब लोकसभा सीटें बचाना भाजपा के लिए नई चुनौती होगी। वर्तमान में भाजपा चार मेें से तीन सीटों पर काबिज है। ये शिमला, कांगड़ा और हमीरपुर हैं। मंडी लोकसभा सीट पर भी आम चुनाव में सांसद भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ही बने थे, मगर उनके असामयिक देहांत के बाद उपचुनाव में वहां कांग्रेस की प्रतिभा सिंह की जीत हुई।
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