breaking news : पूर्व सीएम विजय बहुगुणा और मंत्री सौरभ बहुगुणा के भाई साकेत बहुगुणा पर धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में मुकदमा, गाजियाबाद का है मामला – The Hill News

breaking news : पूर्व सीएम विजय बहुगुणा और मंत्री सौरभ बहुगुणा के भाई साकेत बहुगुणा पर धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में मुकदमा, गाजियाबाद का है मामला

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गाजियाबाद। शहर के इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में हाउसिंग फाइनेंस करने वाली कंपनी इंडिया बुल (समेत कई कंपनियों के 18 निदेशकों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इन सभी के खिलाफ गाजियाबाद के शिप्रा समूह ने एफआईआर दर्ज करवाई है। शिप्रा समूह का आरोप है कि इन कंपनियों के निदेशकों ने मिलकर उनके साथ करीब 6,000 करोड रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। गाजियाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश पर पुलिस ने 18 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, जान से मारने की धमकी देने, अवैध रूप से घुसपैठ करने, मारपीट करने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और भरोसा तोड़ने जैसे संगीन आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है।आरोपियों में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा भी शामिल हैं। साकेत बहुगुणा सक्रिय राजनीति में नहीं है, वह इंडिया बुल्स में डायरेक्टर के पद पर हैं। साकेत के भाई सौरभ बहुगुणा उत्तराखंड सरकार में मंत्री है।

क्या है मामला
गाजियाबाद के इंदिरापुरम वैभव खंड में शिप्रा मॉल के निवासी अमित वालिया की ओर से यह मुकदमा दर्ज करवाया गया है। अमित वालिया ने गाजियाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दी। अमित वालिया ने बताया, “इंडिया बुल्स के डायरेक्टर मेरे पास आए। उन्होंने वादा किया कि हम आपको 1939 करोड़ रुपये देंगे। यह पैसा मार्केट से कम ब्याज दरों पर देंगे। हमारी कंपनी के साथ मिलकर काम करेंगे। बाकी प्रोजेक्ट पूरे करने में सहायता करेंगे। इंडिया बुल्स की ओर से शर्त रखी गई कि इसके लिए शिप्रा ग्रुप को अपनी संपत्तियां बंधक रखनी होंगी।” अमित वालिया ने आकर बताया, “हमारी 6 संपत्तियों की कीमत करीब 6000 करोड ऊपर थी। इंडिया बुल्स की शुरुआत से ही नीयत ठीक नहीं थी। यह सारे लोग हमारी संपत्ति कब्जाने की नियत से शुरू से ही जालसाजी और धोखाधड़ी कर रहे थे। हमें अवैध रूप से डिफॉल्टर दिखाकर हमारी 6000 करोड़ रुपए की कीमती संपत्तियों को अवैध रूप से हड़पने की साजिश रच रहे थे। इंडिया बुल्स ने हमें 1,686 करोड़ रुपए नहीं दिए। कंपनी ने केवल 866 करोड़, 80 लाख, 75 हजार और 310 हमारे खाते में ट्रांसफर किए। यह पैसा भी तुरंत वापस ले लिया गया। बाकी धनराशि 820 करोड़ रुपए कभी शिप्रा समूह की कंपनियों को भेजा नहीं गया। इंडिया बुल्स ने शिप्रा एस्टेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मोहित सिंह से काफी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए हैं। जिनका वह दुरुपयोग कर सकते हैं। इंडिया बुल्स और एमएम एडलवाइज के प्रतिनिधियों ने जालसाजी और धोखाधड़ी करके जाली दस्तावेज बनाए हैं। हमारी अत्यधिक मूल्यवान भूमि और संपत्तियों को हड़पने के इरादे से गैरकानूनी काम किए हैं।”

शिप्रा समूह ने भरोसा करके संपत्तियां गिरवी रखीं
अमित वालिया का आरोप है कि शिप्रा समूह को इंडिया बुल्स के गगन बांगा, समीर गहलौत, जितेश मौर, राजीव गांधी और बाकी निदेशकों पर भरोसा हो गया। इस कारण संपत्तियां बंधक रखने के लिए तैयार हो गए। इंडिया बुल्स ने वादा किया कि 1,939 करोड़ रुपये शिप्रा ग्रुप को समय पर प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए देंगे। इस भरोसे पर शिप्रा समूह ने नोएडा अथॉरिटी और दूसरे लेनदारों को भुगतान करना शुरू कर दिया। अब पता चला है कि इंडिया बुल्स और उनकी सहयोगी कंपनियों के निदेशकों ने जाली दस्तावेज बनाए हैं। यह दिखाने की कोशिश की गई है कि शिप्रा समूह को 1,686 करोड़ रुपए दिए हैं। वास्तव में केवल 866.88 करोड़ रुपए दिए गए हैं। बाकी पैसा इंडिया बुल्स ने मनमाने ढंग से काट लिया था। इनका मकसद गैरकानूनी तरीके से शिप्रा समूह की संपत्तियों को हड़पना है। अमित वालिया आगे कहते हैं, “जब हमें समझ आया कि इंडिया बुल्स वाले हमें फंसा रहे हैं तो तब तक देर हो चुकी थी। हमने जैसे ही विरोध किया तो आरोपियों ने 1,738 करोड़ रुपए केवल 7 दिन में वापस देने का नोटिस भेज दिया। इनका मकसद शिप्रा समूह की नोएडा के सेक्टर-128 में स्थित 73 एकड़ जमीन हड़पना था। इसी कारण 7 दिनों में पूरा पैसा लौटाने का दबाव बनाया गया।”

अवैध रूप से प्रोपर्टी और शेयर बेचने का आरोप
अमित वालिया ने आरोप लगाया है, “इंडिया बुल्स के प्रतिनिधियों ने हमें कहा कि उनके पास समीर गहलोत, गगन बांगा और साकेत बहुगुणा का निर्देश है कि भुगतान प्राप्त करने पर भी ऋण खातों को बंद नहीं किया जाएगा। इसके बजाय एक तरफा कार्यवाही करके संपत्तियों को बेचा जाएगा। सारी प्रोपर्टी पर कब्जा कर लिया जाएगा। अंततः 30 मई 2021 को इंडिया बुल्स की मांगों के मुताबिक सेक्टर-128 वाली जमीन को बेचने की सहमति बनी। समझौते के तहत डीएलएफ हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड यह जमीन 1,250 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए तैयार हुई थी। इंडिया बुल्स ने सभी ऋण समझौते करके विवादों को खत्म करने की सहमति दी थी। इसके बावजूद आरोपियों ने अवैध रूप से और मनमाने ढंग से गिरवी रखे गए शेयरों को एम3एम समूह की कंपनी फाइनल स्टेप प्राइवेट लिमिटेड को 900 करोड़ रुपए में बेच दिया।

इन पर दर्ज हुई एफआईआर
1. समीर गहलोत, इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन
2. गगन बंगा, इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस के वाइस चेयरमैन एमडी
3. अश्विनी ओम प्रकाश कुमार हुड्डा, इंडिया बुल्स फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड
4. राजीव गांधी, इंडिया बुल्स फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड
5. जितेश मोर, इंडिया बुल्स फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड
6. राकेश भगत, इंडिया बुल्स फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड
7. आशीष जैन, इंडिया बुल्स फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड
8. साकेत बहुगुणा, इंडिया बुल्स फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड
9. रूप कुमार बंसल एम3एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
10. बसंत बंसल, एम3एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
11. पंकज बंसल, एम3एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
12. विवेक सिंघल, एम3एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
13. अनीता ठाकुर, एम3एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
14. सुनील कुमार जैन, एम3एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
15. मनोज डायरेक्टर
16. रविंद्र सिंह
17. अजय शर्मा
18. रशेष चंद्रकांत शाह, एडलवाइज ऐसेट रिकंस्ट्रक्शन

इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया मुकदमा
1. आईपीसी 420
2. आईपीसी 467
3. आईपीसी 468
4. आईपीसी 471
5. आईपीसी 120बी
6. आईपीसी 323
7. आईपीसी 504
8. आईपीसी 506

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