देहरादून। उत्तराखंड में गेस्ट टीचरों ने धामी सरकार के खिलाफ आंदोलन की हुंकार भर दी है। चार जुलाई 2021 की कैबिनेट में उनके प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद भी आज तक शासनादेश नहीं हुआ। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ ने लंबित मांगों को लेकर 13 दिसंबर से शिक्षा निदेशालय में अनिश्चितकालीन धरने का एलान किया है। गेस्ट टीचर उनके पदों को खाली न मानने और गृह जिले में तैनाती के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के बाद भी शासनादेश नहीं होने से नाराज हैं।
माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि चार जुलाई 2021 की कैबिनेट में उनके प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी, लेकिन अब तक इसका शासनादेश नहीं हुआ। यही वजह है कि प्रदेश में गेस्ट टीचर प्रभावित हो रहे हैं।हाल ही में राजकीय आदर्श कीर्ति इंटर कॉलेज उत्तरकाशी में सहायक अध्यापक विज्ञान के पद पर नियमित नियुक्ति की शिक्षिका की पदोन्नति से गेस्ट टीचर प्राची पंवार को कार्यमुक्त कर दिया गया। इसके अलावा लगातार गेस्ट टीचरों की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार हजार से अधिक गेस्ट टीचर कार्यरत हैं, जो पिछले कई वर्षों से दूरदराज के क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार उनके हितों की अनदेखी कर रही है। उनके सुरक्षित भविष्य को लेकर अब तक कोई नीति नहीं बनी। कैबिनेट में जो प्रस्ताव आया उस पर भी विभाग की ओर से अमल नहीं किया गया।
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