आज से शारदीय नवरात्र का प्रारंभ हो चुका है और यह नवरात्र 4 अक्टूबर तक रहेंगे। 5 अक्टूबर को विजयदशमी का पर्व मनाया जायेगा। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का विशेष महत्व होता है। इस साल 26 सितंबर 2022, यानी की आज के दिन घटस्थापना की जाएगी। इस साल घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह 06 बजकर 11 मिनट से सुबह 07 बजकर 51 मिनट तक था, इसकी अवधि – 01 घंटा 40 मिनट तक थी । इसके अलावा घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इसकी अवधि 48 मिनट तक रहेगी।
कलश की स्थापना के लिए उचित दिशा का भी विशेष महत्त्व है। कलश स्थापना मंदिर के उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान दिशा में करनी चाहिए और मां की चौकी लगा कर कलश को स्थापित करना चाहिए। सबसे पहले उस जगह को गंगाजल छिड़क कर पवित्र कर लें। फिर लकड़ी की चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाकर कलश को स्थापित करें। कलश में आम का पत्ता रखें और इसे जल या गंगाजल भर दें। साथ में एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ कलश में डालें। कलश के मुख पर एक नारियल लाल वस्त्र से लपेट कर रखें। चावल यानी अक्षत से अष्टदल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा रखें। इन्हें लाल या गुलाबी चुनरी ओढ़ा दें। कलश स्थापना के साथ अखंड दीपक की स्थापना भी की जाती है। कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करें। हाथ में लाल फूल और चावल लेकर मां शैलपुत्री का ध्यान करके मंत्र जाप करें और फूल और चावल मां के चरणों में अर्पित करें। मां शैलपुत्री के लिए जो भोग बनाएं, गाय के घी से बने होने चाहिए। या सिर्फ गाय के घी चढ़ाने से भी बीमारी व संकट से छुटकारा मिलता है।
विशेष मंत्र : ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।’ मंगल कामना के साथ इस मंत्र का जप करें।