
फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई की डाक्यूमेंट्री ‘काली’ को लेकर अब धर्मनगरी हरिद्वार की अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और अन्य संतो द्वारा फ़िल्म के प्रसारण पर रोक और फिल्ममेकर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है।
बता दें कि टोरंटो के आगा खान म्यूजियम में काली डॉक्यूमेंट्री से जुड़ी सामाग्री दिखाई गई थी। लेकिन जब ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने विवादित पोस्ट पर आपत्ति जाहिर की तो म्यूजियम ने सामने से आकर माफी मांगी। फिल्म काली को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है जहां फिल्म की निर्माता लीना मणिमेकलई के खिलाफ देश मैं कई जगह मुकदमा दर्ज किया गया तो वहीं धर्मनगरी हरिद्वार में भी विवादित पोस्टर को लेकर संतो ने अपना विरोध दर्ज कराया है। हरिद्वार में संतों ने बैठक कर फिल्म के बहिष्कार और भारत सरकार से ऐसी फिल्म के प्रसारण पर रोक और फिल्म निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

पत्रकारों से वार्ता करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्रपुरी ने कहा मां काली के पोस्टर में जिस तरह से मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है वे उसकी निंदा करते हैं और भारत सरकार से मांग करते हैं कि इस तरह की चीजें समाज के सौहार्द को बिगाड़ सकती है ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भी इसका पुरजोर विरोध करता है।
वही महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद ने भी कहा कि वे ऐसे फ़िल्म ओर फिल्मकारों का पुरजोर विरोध करते है उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति को बदनाम करने का षड्यंत्र किया जा रहा है वे सभी से मांग करते है कि हमें ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करना चाहिए। वही महंत अरुण दास ने कहा कि वे भी ऐसी फिल्म ओर फिल्मकारों की घोर निंदा करते हैं और सरकार को चाहिए कि ऐसी फिल्म पर बैन लगाया जाए और उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करता है तो संत भी अपनी ओर से कार्यवाही करेंगे चाहे वो कानून के दायरे में हो चाहे कानून से बाहर।