uttarakhand breaking: हनुमान जयंती पर पथराव के बाद दहशत में डाडा जलालपुर के छह ग्रामीणों ने घर के बाहर लिखा मकान बिकाऊ है

हरिद्वार के डाडा जलालपुर में छह ग्रामीणों ने घर के बाहर यह मकान बिकाऊ है लिखा है। प्रशासन ने टीम भेजकर ग्रामीणों से वार्ता की और सूचना को पेंट से पुतवाया। बता दें 16 अप्रैल को इस गांव में हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा पर पथराव हो गया था।भगवानपुर थाना क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में मुस्लिम समुदाय के छह परिवारों के घर के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ की सूचना लिखने से प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। साथ ही, सूचना को पेंट से पुतवा दिया।डाडा जलालपुर गांव में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर निकाली जा रही शोभायात्रा पर पथराव कर दिया गया था।

इस दौरान जमकर तोड़फोड़ एवं आगजनी हुई। चौकी इंचार्ज समेत 10 व्यक्तियों को चोट आई थी।मामले में शासन के निर्देश पर डीआइजी गढ़वाल मंडल ने एक एसआइटी का गठन कर दिया है। एसआइटी इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेगी। गांव में अभी भी पुलिस बल तैनात है।इसी बीच सोमवार शाम प्रशासन को सूचना मिली कि गांव में मुस्लिम समुदाय के छह परिवारों ने घरों के बाहर पेंट से ‘यह मकान बिकाऊ है’ लिख दिया है। ग्रामीणों का आरोप था कि उनके मकानों में जो तोड़फोड़ की गई है और जो नुकसान हुआ है।उसके लिए कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई है। इसके अलावा हर समय उन्हें डर के साये में जीना पड़ रहा है। इसलिए वह मकान बेचकर दूसरी जगह जाना चाहते हैं। इस पर प्रशासनिक टीम ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है।प्रशासन प्रत्येक ग्रामीण को सुरक्षा मुहैया करा रहा है। गांव में पुलिस एवं पीएसी तैनात है। ग्रामीणों को समझा-बुझाकर पेंट से ही सूचना को पुतवा दिया। एसडीएम भगवानपुर बृजेश कुमार तिवारी ने बताया कि ग्रामीणों को बता दिया गया है कि प्रशासन उनके साथ है। मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।एसआइटी रिपोर्ट का हो रहा इंतजार

शासन के निर्देश पर पांच दिन पहले एसआइटी का गठन कर दिया गया था, जिसमें एसपी ग्रामीण देहरादून कमलेश उपाध्याय को सुपरविजन दिया गया है। जबकि, इसमें सीओ मंगलौर पंकज गैरोला एवं एक निरीक्षक को शामिल किया गया है। म ने जांच के लिए रिकार्ड ले लिया है। लेकिन, अभी गांव का मौका-मुआयना नहीं किया है। इस मामले में अब तक 15 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।वहीं 27 अप्रैल को महापंचायत के आयोजन को प्रशासन ने रोक दिया था। तब संतों समेत 10 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई थी।

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