मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का एक माह का कार्यकाल पूरा होने वाला है। इस बीच उन्होंने 22 नौकरशाहों के फेरबदल की पहली सूची जारी कर साफ संकेत दे दिया है कि शासन कैसे चलेगा। इस फेरबदल में चार ऐसे नौकरशाह हैं जो हेवीवेट हुए हैं। धामी ने इनको महत्वपूर्ण विभाग देकर विश्वास जताया कि प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी उन्हीं के इर्द गिर्द घूमेगी। हालांकि सबसे अच्छी बात है कि किसी भी नौकरशाह पर सीएम के टेढ़ी नजर नहीं पड़ी है। अफसरों को उनकी क्षमता और विश्वास के मापदंड पर परख कर काम सौंपा गया है। धामी 2.0 की पहला ब्यूरोक्रेटिक बदलाव काफी हद तक संतुलित दिख रहा है। साथ ही उन्होंने पसंदीदा नौकरशाहों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर ब्यूरोक्रेसी को संदेश दे दिया है कि शासन कैसे संचालित होगा।
अभिनव कुमार- मुख्यमंत्री धामी के पिछले कार्यकाल में जब इन्हें अपर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री बनाया गया था तो शासन में खूब हलचल हुई थी। अभिनव एक आईपीएस हैं, इसके बावजूद सीएम की पसंद होने के चलते उनको मुख्यमंत्री कार्यालय में लाया गया। तेज तर्रार अफसरों में शुमार अभिनव पर धामी ने इस बार पिछली बार से अधिक भरोसा जताया है। अभिनव अब न केवल मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव हैं बल्कि उन्हें शासन में भी विभाग दे दिये हैं। उनकी शासन में एंट्री से आईएएस लॉबी नाखुश तो है, लेकिन उनके लिए राहत यह है कि उन्हें विशेष प्रमुख सचिव की जगह प्रमुख सचिव बनाने की कवायद सफल नहीं रही। यह अभिनव के लिए भी झटका है कि वह आईएएस कैडर के लिए आरक्षित पद प्रमुख सचिव पर आसीन नहीं हो सके। सीएम ने आईएएस लॉबी को ध्यान में रखकर उनके पदनाम को विशेष प्रमुख सचिव कर दिया, लेकिन प्रमुख सचिव बनाने की हसरत पूरी नहीं कर पाए। हालांकि इससे उनके सीएम दरबार में मजबूती पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने उन्हें शासन में सूचना, खेल और युवा कल्याण का जिम्मा सौंपकर अपनी पसंद जाहिर कर दी है।
मिनाक्षी सुंदरम- मुख्यमंत्री धामी के पसंदीदा अफसरों में मिनाक्षी सुंदरम दूसरे नंबर पर हैं। मिनाक्षी को धामी ने अपना सचिव नियुक्त किया है। सीएम का भरोसा उनके पहले कार्यकाल में जीतने का इनाम मिनाक्षी को मिला है। माना जा रहा है कि सीएम सचिवालय वही चलाएंगे। मिनाक्षी पहले भी हेवीवेट आईएएस में शुमार थे, लेकिन सीएम सचिवालय में आने से उनकी हनक और बढ़ेगी। लो प्रोफाइल रहकर काम करने वाले मिनाक्षी के सीएम सचिवालय में आने से कई नौकरशाहों को झटका जरूर लगा है। सीएम ने उनसे पशुपालन, मत्स्य, सहकारिता, दुग्ध एवं दुग्ध विकास, कृषि एवं कृषक कल्याण, खनन, विद्यालयी शिक्षा जैसे महकमे वापस लेकर बेहद मजबूत माने जाने वाले ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा, श्रम, वित्त और अध्यक्ष उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का जिम्मा दिया गया है। सीएम के सचिव रहते हुए उनके पास कई विभागों के साथ वित्त जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी रहेगी। इससे उनके बढ़ते कद का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पंकज कुूमार पांडे – पंकज तेज तर्रार अफसरों में शुूमार हैं। हाल ही में एक महिला डाक्टर के तबादले को लेकर उनकी फजीहत हुई थी, लेकिन सीएम ने उनपर भरोसा जताया है। पंकज को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से हटाकर सीएम ने बेहद महत्वपूर्ण को प्रदेश के राजस्व के लिहाज से सबसे संवेदनशील काम सौंपा है। पंकज के पास सबसे अहम खनन विभाग का जिम्मा है। खनन जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिलने का साफ मतलब है कि वह सीएम के पसंदीदा नौकरशाहों में से एक हैं। इसके साथ उनको औद्योगिक विकास, व आयुष एवं आयुष शिक्षा का जिम्मा भी दिया गया है। अक्सर विवादों में आने वाले पंकज के लिए इन विभागों को बेहतर संचालित करने की चुनौती भी रहेगी।
हरीश चंद्र सेमवाल- पीसीएस से आईएएस प्रमोट हुए इस अफसर पर सीएम को खासा भरोसा दिखाई पड़ता है। हरीश चंद्र सेमवाल एक बार भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड हो चुके हैं, लेकिन सीएम धामी के कार्यकाल में उनकी कार्यकुशलता को बेहतर आंका जा रहा है। सीएम ने उनपर भरोसा जताते हुए राजस्व के सबसे बड़े महकमों में से एक आबकारी का पूरा जिम्मा सौंप दिया है। सेमवाल न केवल सचिव आबकारी रहेंगे बल्कि इसके साथ आयुक्त आबकारी का अतिरिक्त जिम्मा भी उनके पास ही रहेगा। सेमवाल के पास इसके अलावा पहले से मौजूद महकमों महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, सिंचाई एवं लघु सिंचाई, धर्मस्व, संस्कृति आदि को यथावत रखा गया है।