श्रीलंका में डीजल की कमी इस कदर हावी हो गयी है कि यहां बसों और ट्रेनों का पहिया तो थम ही गया है. साथ ही, बिजली पैदा करने वाले संयंत्रों के पूरी क्षमता से न चल पाने के कारण बिजली कटौती भी चरम पर पहुंच गयी है.
महंगाई ने तोड़े सभी रिकॉर्ड
श्रीलंका में डीजल की आर्पूर्ति नहीं होने से रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें भी महंगी हो गई हैं. देश में एक किली मिर्च की कीमत 287 फीसदी बढ़कर 710 रुपए हो गई है. यहीं नहीं आलू के लिए आम जनता को 200 रुपए से ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं. यहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 254 रुपए है, जबकि एक लीटर दूध 263 रुपए बिक रहा है. एक ब्रेड की कीमत फिलहाल 150 रुपए है.
कंगाली की राह पर श्रीलंका
श्रीलंका के पास अब देश चलाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. ईंधन की कीम, बढ़ती महंगाई और कोरोना महामारी की वजह से देश का खजाना सूख रहा है. एक पूर्व रिपोर्ट में कहा गया है कि देश को अगले कुछ महीनों में घरेलू और विदेशी ऋणों में अनुमानित 7.3 अरब डॉलर चुकाने की जरूरत है भारत जनवरी से अब तक श्रीलंका को 2.4 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता दे चुका है.