चंडीगढ़/देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने आज देहरादून स्थित लोक भवन में वीर बाल दिवस के पावन अवसर पर एक विशेष सचित्र ब्रोशर का विमोचन किया। यह ब्रोशर गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह तथा उनकी माता गुजरी के सर्वोच्च बलिदान और शहादत की पवित्र स्मृति को समर्पित है। इस साहित्यिक चित्रात्मक ब्रोशर के लेखक पंजाब के राज्य सूचना आयुक्त हरप्रीत संधू हैं जिन्होंने इसमें फतेहगढ़ साहिब के तीन प्रमुख गुरुद्वारों की पवित्रता और ऐतिहासिक महत्व को बहुत ही खूबसूरती से दर्शाया है।
ब्रोशर में गुरुद्वारा ठंडा बुर्ज का जिक्र है जहां शहादत से पहले माता गुजरी और छोटे साहिबजादों को साल 1705 की कड़कड़ाती ठंड में कैद रखा गया था। इसके अलावा गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब जहां छोटे साहिबजादों को जिंदा दीवारों में चुनवा दिया गया था और गुरुद्वारा ज्योति सरूप जहां साहिबजादों और माता गुजरी का अंतिम संस्कार किया गया था, उनके बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई है। यह प्रयास इन पवित्र स्थानों के इतिहास को जन जन तक पहुंचाने का एक सराहनीय कदम है।
कार्यक्रम के दौरान पंजाब के राज्य सूचना आयुक्त हरप्रीत संधू ने राज्यपाल गुरमीत सिंह को एक धार्मिक विरासत पुस्तक भी भेंट की जिसका शीर्षक स्पिरिचुअल जर्नी ऑफ गुरु तेग बहादुर साहिब है। इसके साथ ही वहां मौजूद संगत के लिए गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी वर्ष को समर्पित एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई। इस डॉक्यूमेंट्री में नौवें सिख गुरु के जन्म से लेकर उनकी शहादत तक की यात्रा और उन पवित्र स्थानों को दिखाया गया जहां उनके चरण पड़े थे।
उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने हरप्रीत संधू की इस पहल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि यह एक दूरदर्शी और नेक काम है जो उत्तराखंड के विभिन्न समुदायों के बीच छोटे साहिबजादों और गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत और ऐतिहासिक विरासत को बढ़ावा देने में मदद करेगा। उन्होंने माना कि ऐसे प्रयासों से युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास और बलिदान की गाथाओं से रूबरू होने का मौका मिलता है।