अल्मोड़ा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के स्कूली बच्चों के साथ एक आत्मीय और प्रेरणादायक संवाद किया। अपने बीच प्रदेश के मुखिया को पाकर नन्हे मुन्ने बच्चों के चेहरों पर खुशी और उत्साह साफ झलक रहा था। मुख्यमंत्री ने भी बच्चों का स्नेहपूर्वक अभिवादन किया और उन्हें उत्तराखंड तथा देश का भविष्य बताया।
बच्चों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने वर्ष 2047 का जिक्र किया जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा। उन्होंने बच्चों को समझाया कि उस समय देश की बागडोर उन्हीं के हाथों में होगी। धामी ने कहा कि विकसित भारत 2047 का सपना केवल सरकार का नहीं है बल्कि यह पूरी पीढ़ी का सामूहिक संकल्प है जिसे सबके प्रयासों से ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को अनुशासन और समय पालन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए समय का सही उपयोग और अनुशासित दिनचर्या बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने बच्चों से उनके स्कूल आने जाने के रूटीन पर सवाल पूछे और माहौल को हल्का फुल्का बनाए रखा।
सेहत को सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों को पौष्टिक भोजन और अच्छे स्वास्थ्य का महत्व समझाया। उन्होंने प्रेरित किया कि आगे बढ़ने के लिए शरीर और मन दोनों का स्वस्थ होना अनिवार्य है इसलिए संतुलित आहार लें और खेलकूद में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। आज के दिन की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि आज महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती है जिसे राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शिक्षा को व्यक्ति और समाज के विकास की नींव बताते हुए उन्होंने बच्चों से खूब पढ़ने और खूब खेलने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने पहाड़ के बच्चों की तारीफ करते हुए कहा कि वे कठिन परिस्थितियों में पलकर संघर्ष करना सीखते हैं जिससे उनमें आगे बढ़ने की एक विशेष क्षमता पैदा होती है। उन्होंने बच्चों को लक्ष्य निर्धारित करने और अच्छे नागरिक बनने का संदेश दिया। साथ ही नशे के दुष्प्रभावों के बारे में भी बताया और नशा मुक्त उत्तराखंड बनाने के संकल्प को मजबूत करने की अपील की।
अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों से अपनी भाषा बोली और संस्कृति पर गर्व करने को कहा। उन्होंने कहा कि जो अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है वही ऊंचाइयों को छूता है। संवाद के अंत में उन्होंने विश्वास जताया कि 2047 में उत्तराखंड का हर बच्चा देश को दिशा देने वाला नागरिक बनेगा। उन्होंने बच्चों को मेहनत ईमानदारी और बड़े सपने देखने का मंत्र दिया और भरोसा दिलाया कि सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है।