चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने साहिबजादों के शहादत दिवस के नामकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पूरी सिख कौम साहिबजादों का गहरा सम्मान करती है और उन्हें बाबा का दर्जा देती है क्योंकि साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों ने बचपन की उम्र में ही महान और अद्वितीय बलिदान दिए थे। संधवां ने स्पष्ट किया कि साहिबजादों की शहादत किसी एक देश, समुदाय या विचारधारा तक सीमित नहीं है बल्कि यह पूरी मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
स्पीकर संधवां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं का सम्मान करते हुए कहा कि साहिबजादों की शहादत को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का फैसला सराहनीय है। हालांकि उन्होंने एक गंभीर मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि इस शहादत दिवस को वीर बाल दिवस का नाम देना सिख धर्म की परंपराओं और मर्यादाओं से मेल नहीं खाता है। उनका मानना है कि यह नामकरण सिख समुदाय की भावनाओं के अनुरूप नहीं है।
कुलतार सिंह संधवां ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिख समुदाय की भावनाओं और संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए इस दिन के नामकरण के संबंध में कोई उचित और सम्मानजनक फैसला लेंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि नाम ऐसा होना चाहिए जिससे साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान की गाथा न केवल हमारे बच्चों के मन तक पहुंचे बल्कि राष्ट्र की भावनाओं का भी पूरा सम्मान बना रहे। उनका कहना है कि सही नामकरण से साहिबजादों की शहादत का संदेश सही रूप में आने वाली पीढ़ियों तक पहुंच सकेगा।
Pls read:Punjab: पंजाब को डायनासोर युग में ले जाने की कोशिश कर रहे अकाली दल पर भगवंत मान ने साधा निशाना