Uttarakhand: उत्तराखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला छह दिसंबर को होने वाली पीसीएस मुख्य परीक्षा पर लगी रोक – The Hill News

Uttarakhand: उत्तराखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला छह दिसंबर को होने वाली पीसीएस मुख्य परीक्षा पर लगी रोक

नैनीताल

उत्तराखंड में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं और विशेषकर लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए नैनीताल हाईकोर्ट से एक बहुत बड़ी खबर सामने आई है। हाईकोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा छह दिसंबर को प्रस्तावित प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) मुख्य परीक्षा पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले से जहां एक ओर परीक्षा की तैयारियों में जुटे अभ्यर्थियों को झटका लगा है, वहीं दूसरी ओर प्रारंभिक परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को बड़ी राहत मिली है।

यह मामला पीसीएस 2025 की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए गलत सवालों से जुड़ा है। दरअसल, प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और उसमें पूछे गए कुछ सवालों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक प्रारंभिक परीक्षा की त्रुटियों को सुधारा नहीं जाता, तब तक मुख्य परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकती।

बुधवार को मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष हुई। यह याचिका हरिद्वार के रहने वाले कुलदीप सिंह राठी द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ता का तर्क था कि आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन (जनरल स्टडीज) के पेपर में एक सवाल गलत तरीके से पूछा गया था। इस गलत सवाल के कारण कई अभ्यर्थियों के भविष्य पर असर पड़ रहा था और मेरिट लिस्ट प्रभावित हो रही थी।

सुनवाई के दौरान एक अहम मोड़ तब आया जब राज्य लोक सेवा आयोग ने भी अपनी गलती स्वीकार कर ली। आयोग की ओर से कोर्ट में माना गया कि सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र में वास्तव में एक सवाल गलत तरीके से बनाया गया था। आयोग ने स्वीकार किया कि नियमानुसार इस गलत सवाल को हटा दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोर्ट ने आयोग की इस स्वीकारोक्ति को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि आयोग को यह सवाल हटा देना चाहिए था ताकि अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके।

इसके बाद कोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग को कड़े निर्देश जारी किए। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि आयोग उस गलत सवाल को हटाते हुए प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम दोबारा जारी करे। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि संशोधित परिणाम तैयार करते समय 2022 के रेगुलेशन का पूरी तरह पालन किया जाए और उसी के अनुसार नई मेरिट लिस्ट जारी की जाए।

कोर्ट के इस आदेश का सीधा मतलब है कि अब छह दिसंबर को प्रस्तावित मुख्य परीक्षा नहीं होगी। आयोग को पहले गलत सवाल हटाकर प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित रिजल्ट निकालना होगा। इसके बाद नई मेरिट लिस्ट बनेगी और जो अभ्यर्थी इस नई लिस्ट में क्वालीफाई करेंगे, उन्हें मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। इस पूरी प्रक्रिया के बाद ही मुख्य परीक्षा की नई तारीखों का ऐलान संभव हो पाएगा। फिलहाल कोर्ट के इस फैसले ने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और अभ्यर्थियों को अब संशोधित परिणाम का इंतजार करना होगा।

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