लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने न केवल दिव्यांगजनों को सम्मानित किया, बल्कि अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए पिछली सरकारों पर जमकर निशाना भी साधा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि एक समय था जब दिव्यांगों के हक के पैसे में भी भ्रष्टाचार होता था, लेकिन अब व्यवस्था पूरी तरह बदल चुकी है।
पिछली सरकारों में होती थी पेंशन की चोरी
समारोह को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि साल 2017 से पहले दिव्यांगजन की सहायता जैसे पवित्र काम में भी बड़ा भ्रष्टाचार व्याप्त था। उस दौर में दिव्यांगों को महज 300 रुपये महीना पेंशन मिलती थी। दुख की बात यह थी कि उस मामूली रकम में भी विभाग के बाबू और दलाल ‘कट’ मार लेते थे या कमीशन खा जाते थे। जरूरतमंदों तक उनका पूरा हक नहीं पहुंच पाता था।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पीड़ा को समझा और दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में लाने का बीड़ा उठाया। उनके विजन के तहत पेंशन की राशि को बढ़ाया गया। आज उत्तर प्रदेश सरकार 11 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को पेंशन दे रही है। योगी सरकार ने पेंशन की राशि को 300 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये महीना कर दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि अब यह पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजा जाता है, जिससे बीच में किसी को भी कमीशन खाने या कट मारने का मौका नहीं मिलता।
दिव्यांगजन हैं नए भारत की शक्ति
भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी ऋषि परंपरा मानती है कि किसी व्यक्ति की शारीरिक बनावट उसकी असली क्षमता का पैमाना नहीं होती। उन्होंने दिव्यांगजन की हिम्मत, प्रतिभा और सफलता को नए भारत की शक्ति करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत और दुनिया में ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जहां दिव्यांगों ने थोड़ा सा सहयोग मिलने पर देश और समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। सरकार का लक्ष्य है कि बैरियर फ्री इंडिया का निर्माण हो, जहां हर व्यक्ति स्वावलंबन और सम्मान के साथ जी सके।
सम्मान और पुरस्कार वितरण
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य और राष्ट्र स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांगजनों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने विशेष विद्यालयों के मेधावी छात्र-छात्राओं से मुलाकात की और उन्हें सम्मानित किया। मंच से 30 व्यक्तियों और संस्थाओं को राज्य स्तरीय दिव्यांग पुरस्कार बांटे गए। इसके अलावा 46 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया और 500 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण प्रदान किए गए।
हर मंडल में खुलेंगे पुनर्वास केंद्र
समारोह से ठीक पहले योगी सरकार ने दिव्यांगों के हित में एक और बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने प्रदेश के सभी 18 मंडलों में नए जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी 38 जिलों में ऐसे केंद्र चल रहे हैं, लेकिन सुविधाओं को और बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
इन नए केंद्रों के खुलने से दिव्यांगजनों को भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें एक ही छत के नीचे यूडीआईडी कार्ड, दिव्यांग प्रमाण पत्र, आधारभूत सर्वे, सहायक उपकरण और कृत्रिम अंग जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही फिजियोथेरेपी और स्पीच थेरेपी जैसी सेवाओं के लिए भी उन्हें अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। सरकार का मानना है कि इससे पुनर्वास की प्रक्रिया मजबूत होगी और सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिल सकेगा।