लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में चल रही धान खरीद प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। सोमवार को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर बुलाई गई एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि धान खरीद की गति को और तेज किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन को हिदायत दी कि मंडियों और क्रय केंद्रों पर आने वाले अन्नदाताओं को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए। सरकार की प्राथमिकता है कि किसान अपनी उपज आसानी से बेच सकें और उन्हें उनका वाजिब दाम समय पर मिले।
बैठक के दौरान योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि धान क्रय केंद्रों पर आने वाले हर एक किसान का धान खरीदा जाना सुनिश्चित किया जाए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फसल बेचने के बाद भुगतान के लिए किसानों को इंतजार न करना पड़े। खरीद के तुरंत बाद निर्धारित समय सीमा के भीतर पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंच जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि भुगतान में देरी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी।
समीक्षा बैठक में इस वर्ष के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और खरीद के आंकड़ों पर भी चर्चा की गई। अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस साल सामान्य धान का एमएसपी 2369 रुपये और ग्रेड-ए धान का एमएसपी 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। यह कीमत पिछले वर्ष की तुलना में 69 रुपये अधिक है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। वर्तमान में प्रदेश भर में 4,227 धान क्रय केंद्र संचालित हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 5000 की जाए। उनका उद्देश्य है कि किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दूर न जाना पड़े और उन्हें अपने गांव या कस्बे के पास ही यह सुविधा मिल सके।
आंकड़ों पर गौर करें तो 30 नवंबर तक प्रदेश सरकार ने 1,51,030 किसानों से लगभग 9.02 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद पूरी कर ली है। इसके एवज में 1,984 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया जा चुका है।
धान खरीद के अलावा बैठक में मिड-डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण सुनिश्चित करने पर भी बात हुई। योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि इन केंद्रों में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति बिना किसी रुकावट के जारी रहनी चाहिए। इसके लिए वेंडरों की संख्या बढ़ाई जाए और अगर कोई तकनीकी समस्या आ रही है तो उसका तत्काल समाधान किया जाए। अब तक 2,130 मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल गुणवत्ता परीक्षण में पास हो चुका है।
किसानों की सहूलियत के लिए मुख्यमंत्री ने खरीद केंद्रों पर मैनपावर यानी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए ताकि वहां भीड़ न जमा हो। उन्होंने धान के उठान और मिल-मैपिंग की प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, आगामी फसलों की बुवाई को ध्यान में रखते हुए खाद और बीज की उपलब्धता पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जिले में खाद-बीज की कमी नहीं होनी चाहिए और संबंधित विभाग स्टॉक की नियमित निगरानी करें।
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