Uttarpradesh: यूपी में अब शिक्षकों की जगह शिक्षामित्र करेंगे साक्षरता सर्वे का काम – The Hill News

Uttarpradesh: यूपी में अब शिक्षकों की जगह शिक्षामित्र करेंगे साक्षरता सर्वे का काम

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से शिक्षा विभाग में एक बड़े बदलाव की खबर सामने आई है। प्रदेश सरकार ने नव भारत साक्षरता कार्यक्रम 2025-26 के तहत होने वाले सर्वे की जिम्मेदारी में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है। अब 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षर लोगों और वालंटियर्स का सर्वे करने का काम परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के बजाय शिक्षामित्रों को सौंपा गया है। इससे पहले यह जिम्मेदारी शिक्षकों के कंधों पर थी, लेकिन अब सरकार ने रणनीति में बदलाव करते हुए सर्वे की मुख्य कमान शिक्षामित्रों के हाथों में दे दी है।

इस नई व्यवस्था के तहत शिक्षामित्रों की भूमिका अब और अहम हो गई है। उन्हें अपने-अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर सर्वे करना होगा। उनका मुख्य काम ऐसे लोगों की पहचान करना है जो असाक्षर हैं और उनकी उम्र 15 साल से ज्यादा है। केवल पहचान करना ही नहीं, बल्कि शिक्षामित्रों को ऐसे वालंटियर्स यानी स्वयंसेवकों का भी चयन करना होगा जो इस साक्षरता अभियान से जुड़कर समाज सेवा की भावना से लोगों को पढ़ने-लिखने में मदद कर सकें।

सर्वे की प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग किया जाएगा। शिक्षामित्रों को अपने सर्वे की पूरी जानकारी और डाटा अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंपनी होगी। यह सर्वे पुरानी प्रक्रिया की तरह ही एनआइएलपी यानी नव भारत साक्षरता कार्यक्रम सर्वे एप के माध्यम से किया जाएगा। एप का उपयोग इसलिए अनिवार्य किया गया है ताकि पूरा डाटा समय से ऑनलाइन हो सके और उसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे। साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय ने इस वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिए हैं और शिक्षामित्रों को निर्देश दिया गया है कि वे इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर समय सीमा के भीतर पूरा करें।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने इस संबंध में कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में इस सर्वे कार्य की निरंतर निगरानी करें। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षामित्र एप पर निर्धारित फॉर्मेट में ही जानकारी अपलोड करें और काम में कोई लापरवाही न बरती जाए। इस पूरे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांव-गांव तक पहुंचकर असाक्षरों की एकदम सही संख्या जुटाना और वालंटियर्स का नेटवर्क तैयार करना है ताकि घर-घर संपर्क स्थापित किया जा सके।

यह अभियान एक दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है। प्रदेश में 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को साक्षर बनाने के लिए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की शुरुआत एक अप्रैल 2022 को की गई थी। यह अभियान 31 मार्च 2027 तक जारी रहेगा। इस योजना के अंतर्गत निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने के लिए 200 घंटे का एक विशेष मॉड्यूल तैयार किया गया है, जिसके जरिए उन्हें पढ़ना और लिखना सिखाया जाता है।

हालांकि इस योजना के क्रियान्वयन में कुछ जिलों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक प्रयागराज, रायबरेली, जौनपुर, अमरोहा, जालौन, मऊ, गाजीपुर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद जैसे जिलों में सर्वे का काम काफी धीमी गति से चल रहा है और यहां चार प्रतिशत से भी कम काम पूरा हुआ है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि शिक्षामित्रों को जिम्मेदारी मिलने और मोबाइल एप के जरिए सख्त निगरानी होने से साक्षरता अभियान में तेजी आएगी और यह अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ सकेगा।

 

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