देहरादून, संविधान दिवस के पावन अवसर पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पुलिस लाइन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की और राज्य की न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण ऐलान किए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अभियोजन विभाग के लिए खजाने का मुंह खोलते हुए घोषणा की कि विभाग को नए आपराधिक कानूनों के प्रचार-प्रसार और डिजिटलीकरण के लिए सरकार विशेष आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी।
अभियोजन विभाग को मिलेगा आधुनिक स्वरूप
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अभियोजन विभाग न्याय व्यवस्था की रीढ़ है। इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने कई निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के अनुसार अब अभियोजन विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरस्कृत करने की नई व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसके अलावा एक बेहद अनूठी पहल करते हुए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अभियोजन अधिकारियों को उत्तराखंड की स्थानीय बोलियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे अदालती प्रक्रियाओं में आम जनता के साथ संवाद करना और उनकी बात समझना आसान हो सकेगा। विभाग को पेपरलेस और हाईटेक बनाने के लिए डिजिटलीकरण के लिए अलग से फंड दिया जाएगा।
संविधान को बताया राष्ट्र का स्वर्णिम अध्याय
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भारत के संविधान की उद्देशिका (प्रस्तावना) की शपथ दिलाई। उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि 26 नवंबर 1949 का दिन भारत के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने बताया कि साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत कर संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि दी थी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अभियोजन विभाग की पत्रिका का विमोचन भी किया।
नए कानूनों से न्याय हुआ सुलभ
देश में लागू हुए नए आपराधिक कानूनों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गुलामी की मानसिकता वाले पुराने कानूनों को हटाकर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू किए गए हैं। ये कानून दंड देने के बजाय न्याय देने की भावना पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि अब इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड को सबूत के तौर पर मान्यता मिलने से जांच प्रक्रिया वैज्ञानिक और विश्वसनीय हो गई है। ई-कोर्ट्स, फास्ट ट्रैक कोर्ट और डिजिटल केस मैनेजमेंट जैसी पहलों ने न्याय की रफ्तार को बढ़ा दिया है।
उत्तराखंड में हो रहा बुनियादी ढांचे का विकास
पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। इसके साथ ही नए न्यायालय भवनों का निर्माण किया जा रहा है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। सरकार युवा वकीलों को मेंटरशिप देने और महिला अधिवक्ताओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए भी लगातार काम कर रही है।
कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, गृह सचिव शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ और अभियोजन निदेशक एपी अंशुमान सहित पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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