चंडीगढ़. पंजाब के बहुचर्चित और संवेदनशील पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। इस केस के मुख्य गवाह बलविंदर सिंह बिट्टू ने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बिट्टू ने आरोप लगाया है कि उनकी सुरक्षा में पुलिस और प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। अपनी इन्हीं चिंताओं को लेकर उन्होंने पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यपाल ने भी तुरंत एक्शन लिया है।
राज्यपाल ने गृह सचिव को सौंपी जिम्मेदारी
बलविंदर सिंह बिट्टू ने अपनी सुरक्षा को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को सौंपा। राज्यपाल ने गवाह की सुरक्षा से जुड़े इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने बिट्टू द्वारा दिए गए पत्र को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई के लिए होम सेक्रेटरी (गृह सचिव) के पास भेज दिया है। राज्यपाल के इस कदम से उम्मीद जगी है कि प्रशासन जल्द ही सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करेगा और किसी भी तरह की लापरवाही को दूर किया जाएगा।
गवाही के कारण आतंकियों के निशाने पर
बलविंदर सिंह बिट्टू इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड के सबसे अहम गवाह हैं। यह वही शख्स हैं जिनकी गवाही अदालत में बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई थी और इसी आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों को सजा सुनाई जा सकी थी। दोषियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाने के कारण बिट्टू पिछले दो दशकों से लगातार आतंकवादी संगठनों के निशाने पर हैं। उन्हें समय-समय पर जान से मारने की धमकियां मिलती रही हैं। यही वजह है कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन को हमेशा अलर्ट मोड पर रहना पड़ता है।
हाई कोर्ट ने दिए थे कड़े सुरक्षा के आदेश
बिट्टू की जान पर मंडराते खतरे को देखते हुए न्यायपालिका ने भी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए थे। साल 2011 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस को आदेश दिया था कि गवाह को उच्च श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाए। कोर्ट के आदेश के तहत उन्हें जो सुरक्षा घेरा प्रदान किया गया था वह किसी वीआईपी से कम नहीं था।
इस सुरक्षा व्यवस्था में बिट्टू के साथ हर समय पांच पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) तैनात रहने का नियम है। इसके अलावा उनके घर और आसपास की सुरक्षा के लिए 24 घंटे 14 गार्डों की तैनाती का प्रावधान किया गया था। सफर के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए एस्कॉर्ट मोटरसाइकिल और घर के बाहर लगातार गश्त करने वाला पेट्रोलिंग वाहन भी इस सुरक्षा कवर का हिस्सा है।
लापरवाही का आरोप
बलविंदर सिंह बिट्टू का आरोप है कि हाई कोर्ट के इतने स्पष्ट निर्देशों और खतरे के इनपुट्स के बावजूद मौजूदा समय में सुरक्षा में ढील दी जा रही है। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि सुरक्षा में की जा रही यह लापरवाही उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। उन्होंने मांग की है कि खतरों को देखते हुए उनकी सुरक्षा व्यवस्था को पहले की तरह चाक-चौबंद रखा जाए और इसमें किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। फिलहाल राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद अब सबकी निगाहें गृह विभाग की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।
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