बीबीएन। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को दून विधानसभा क्षेत्र के एक दिवसीय दौरे पर 475 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। बद्दी के हनुमान चौक पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की प्राथमिकताएं गिनाईं और पिछली सरकार पर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने सभा में बताया कि सरकार में आने के बाद उनका पहला उद्देश्य समाज के सबसे कमज़ोर वर्ग, विशेषकर अनाथ बच्चों को सहारा देना था। उन्होंने कहा, “छह हज़ार ऐसे बच्चे, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया था, उनके लिए हमने विशेष कानून बनाकर राहत प्रदान की। प्रदेश सरकार अगले 27 वर्षों तक उनकी पढ़ाई और हॉस्टल का पूरा खर्च उठाएगी। हम उनके माता-पिता की भूमिका निभाएंगे।”
पिछली सरकार पर ऋण और शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रहार
सुक्खू ने पूर्व भाजपा सरकार पर तीखे हमले करते हुए कहा कि जब उनकी सरकार सत्ता में आई, तो हिमाचल प्रदेश पर 75 हज़ार करोड़ रुपये का भारी-भरकम ऋण था। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने बिना ज़रूरत के स्कूल, कॉलेज और अस्पताल खोले, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हुई। मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की कि पाँचवीं कक्षा के बच्चे दूसरी कक्षा की किताबें भी नहीं पढ़ पा रहे थे, जिसके कारण हिमाचल शिक्षा गुणवत्ता के मामले में 21वें स्थान पर पहुँच गया था। उन्होंने बताया कि शिक्षा निदेशालयों को मिलाकर व्यवस्था में सुधार किया गया है और ट्रांसफर (तबादलों) की संस्कृति पर भी अंकुश लगाया गया है।
बद्दी की ज़मीन ‘कस्टमाइज्ड पैकेज’ पर देने का आरोप
मुख्यमंत्री ने भाजपा शासनकाल में बद्दी की लगभग पाँच हज़ार बीघा ज़मीन बड़े उद्योगपतियों को ‘कस्टमाइज्ड पैकेज’ के नाम पर देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस सौदे में न तो रजिस्ट्री शुल्क लिया गया और न ही कोई राजस्व प्राप्त हुआ। सुक्खू ने कहा कि यदि यह ज़मीन स्थानीय लोगों या उद्यमियों को दी जाती, तो प्रदेश को करोड़ों रुपये का शुल्क मिलता, जिससे आम लोगों का भला होता। उन्होंने आरोप लगाया कि मात्र 1 करोड़ 12 लाख रुपये में चार बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार इस तरह की लूट बर्दाश्त नहीं करेगी।
दून क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाएँ
मुख्यमंत्री ने दून विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए कई बड़ी घोषणाएँ कीं। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बद्दी, बरोटीवाला और चंडी को सीबीएसई बोर्ड में बदलने का ऐलान किया, ताकि छात्र आधुनिक चुनौतियों का बेहतर सामना कर सकें। बद्दी क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पाँच लाख की आबादी वाले इस औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों को सुधारने के लिए लोक निर्माण विभाग का एक नया मंडल और एक्सईएन कार्यालय खोला जाएगा। इसके अलावा, बद्दी अस्पताल को 100 बिस्तरों वाले अस्पताल में अपग्रेड करने की घोषणा की गई, मानपुरा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुलेगा, और बद्दी में 37 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक बस स्टैंड बनाया जाएगा।
घर बैठे सुविधाएँ और नई भर्तियाँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि रजिस्ट्री और म्यूटेशन (दाखिल खारिज) की सुविधा अब घर बैठे मिलेगी, जो उनकी सरकार के व्यवस्था परिवर्तन का हिस्सा है। उन्होंने जनता से विकास कार्यों में सहयोग और सरकार के प्रयासों पर विश्वास बनाए रखने की अपील की। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार जल्द ही 800 पटवारी, 800 पुलिसकर्मी, 400 स्टाफ नर्स और बड़ी संख्या में टीजीटी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी। पुरानी सरकारों में पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मामलों को याद करते हुए सुक्खू ने कहा कि “हमीरपुर सबऑर्डिनेट बोर्ड में पेपर बेचे गए थे। इसलिए हमने वह बोर्ड भंग किया। अब ऐसा दोबारा नहीं होगा।”
केंद्र सरकार से आपदा राहत कोष पर सवाल
2023 की आपदा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके दौरे के दौरान लोगों की पीड़ा देखकर उन्होंने मुआवजे की राशि बढ़ाने का निर्णय लिया। पहले डेढ़ लाख रुपये मिलते थे, जिसे बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया। मंडी क्षेत्र में भी 2400 प्रभावित लोगों को पहली किस्त के रूप में चार लाख रुपये दिए गए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपये के आपदा राहत कोष के अब तक न मिलने पर सवाल उठाया और भाजपा से इसे दिलवाने में मदद करने की अपील की, क्योंकि यह पैसा उनकी जेब का नहीं, बल्कि प्रदेश की जनता का है।
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