Himachal: मुख्यमंत्री सुक्खू का दिल्ली दौरा 15 नवंबर को संभावित, मंत्रिमंडल विस्तार और संगठनात्मक नियुक्तियों पर चर्चा

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का 15 नवंबर को दिल्ली दौरा संभावित है। इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री का यह दौरा राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल के चौथे वर्ष में प्रवेश कर रही है।

ऐसे में संगठन और सरकार के बीच संतुलन साधने की कवायद तेज हो गई है। चर्चा है कि यदि हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष शिमला संसदीय क्षेत्र से बनते हैं तो एक मंत्री की कुर्सी जा सकती है, ऐसे में मंडी अथवा कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से कोई नेता मंत्री बन सकता है। वहीं, यदि कोई मौजूदा मंत्री कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनता है, तब तो मंत्रिमंडल में फेरबदल तय ही है। क्यास लगाए जा रहे हैं कि किसी मंत्री के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने पर दो नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है। यह फेरबदल न केवल सरकार में नए चेहरों को शामिल कर सकता है, बल्कि पार्टी संगठन में भी नई ऊर्जा ला सकता है।

निगम व बोर्ड में जिम्मेदारी देने की भी संभावना

मुख्यमंत्री सुक्खू पार्टी आलाकमान से सार्वजनिक उपक्रमों में रिक्त पड़े पदों को भरने पर भी मंथन करेंगे। विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता घर पर बैठे हैं, जिन्हें अब निगमों और बोर्डों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस संगठन के भीतर लंबे समय से इन नियुक्तियों को लेकर चर्चा चल रही है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री का यह दौरा कई दिग्गजों के लिए नई जिम्मेदारियां तय कर सकता है, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष को कम किया जा सके और अनुभवी नेताओं की सेवाओं का लाभ उठाया जा सके।

यमुना रिवर बोर्ड की बैठक भी प्रस्तावित

इधर, 20 नवंबर को दिल्ली में अपर यमुना रिवर बोर्ड की बैठक भी प्रस्तावित है। इस बैठक में हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव सहित शीर्ष अधिकारी भाग लेंगे। बताया जा रहा है कि बैठक में दिल्ली को यमुना से मिलने वाले जल की मात्रा और बंटवारे को लेकर चर्चा होगी। यमुना के पानी पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड की दावेदारी लंबे समय से विवाद का विषय रही है। हिमाचल प्रदेश भी यमुना के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में होने के नाते, जल बंटवारे में अपनी हिस्सेदारी और अधिकारों को लेकर इस बैठक में अपना पक्ष रखेगा। यह बैठक दिल्ली और अन्य राज्यों के लिए जल सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

 

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