शिमला: हिमाचल प्रदेश के राजस्व विभाग ने जमाबंदी के प्रारूप में एक महत्वपूर्ण और आधुनिक बदलाव किया है. अब जमाबंदी में पटवारी के डिजिटल हस्ताक्षर और क्यूआर कोड को शामिल किया जाएगा, जिससे लोगों को घर बैठे ही अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी मिल सकेगी. इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत ने एक अधिसूचना जारी की है.
इस नए बदलाव से प्रदेश की जनता को पटवार सर्कल के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि वे अब सीधे ऑनलाइन ही डिजिटल हस्ताक्षरित और क्यूआर कोड वाली जमाबंदी प्राप्त कर सकेंगे. यह राजस्व मामलों में सरकार द्वारा उठाया गया एक बड़ा और सराहनीय कदम है. प्रदेश सरकार की सक्रियता से इंतकाल जैसे कई वर्षों से लंबित पड़े मामलों का भी सफलतापूर्वक निपटारा किया जा रहा है. सरकार ने इस संबंध में राजस्व अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं और राजस्व अदालतों का आयोजन कर लंबित मामलों को तेजी से निपटाया जा रहा है.
पटवार सर्कल जाने की जरूरत खत्म
इस नई प्रक्रिया के तहत एक सप्ताह के भीतर आपत्तियां और सुझाव भी मांगे गए हैं. पहले ऑनलाइन जमाबंदी प्राप्त करने के बाद भी लोगों को पटवारी के हस्ताक्षर करवाने के लिए पटवार सर्कल जाना पड़ता था, लेकिन अब इस झंझट से छुटकारा मिल जाएगा.
क्यूआर कोड से मिलेगी दस्तावेजों की प्रमाणिकता
नए सिस्टम में शामिल किया गया क्यूआर कोड दस्तावेजों की प्रामाणिकता की पुष्टि करने में सहायक होगा. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि दस्तावेज असली है या नकली, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी.
डिजिटल हस्ताक्षर से मजबूत हुई प्रक्रिया
प्रदेश सरकार ने नागरिकों को राजस्व दस्तावेजों को घर बैठे ऑनलाइन प्राप्त करने की सुविधा पहले से ही प्रदान कर रखी थी, लेकिन अब डिजिटल हस्ताक्षर और क्यूआर कोड को शामिल करके इस प्रक्रिया को और अधिक मजबूत और सुरक्षित बनाया गया है. यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
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