Punjab: पंजाब में विकास की नई रफ्ता- 3000 बंद बस रूटों से 10,000 युवाओं को मिलेगा रोजगार

चंडीगढ़: पंजाब में अब सन्नाटे वाली सड़कें विकास की धुन पर थिरकेंगी. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दूरदर्शी नेतृत्व में, पंजाब सरकार ने राज्य के युवाओं को रोजगार और बेहतर परिवहन सुविधाएं देने की अपनी सबसे बड़ी गारंटी को हकीकत में बदल दिया है. युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार ने 3,000 बंद पड़े बस मार्गों को फिर से शुरू करने की महत्वाकांक्षी योजना पर तेजी से काम किया है. यह पहल राज्य के 10,000 से अधिक युवाओं के लिए सीधे स्वरोजगार के रास्ते खोल रही है और प्रदेश की आर्थिक गति को नई रफ्तार दे रही है. यह केवल एक परिवहन योजना नहीं, बल्कि लाखों परिवारों में खुशहाली की नई कहानी लिखने का संकल्प है.

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि राज्य सरकार परिवहन व्यवस्था को मजबूत करके युवाओं को सिर्फ नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाएगी. यह योजना इसी संकल्प का प्रमाण है. 3,000 पुनर्जीवित मार्गों पर परिचालन के लिए लगभग 3,000 नई बसों की आवश्यकता है, और सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर बस कम से कम तीन व्यक्तियों को सीधा रोजगार प्रदान करेगी, जिससे कुल 10,000 से अधिक युवाओं को लाभ होगा. सरकार ने अपने वादे के अनुरूप, युवाओं को नई बसें खरीदने के लिए आसान और त्वरित ऋण सुविधा प्रदान करने का तंत्र भी स्थापित किया है. यह पहल बेरोजगार युवाओं को अपना परिवहन व्यवसाय शुरू करने के लिए सशक्त कर रही है, जो पंजाब के आर्थिक विकास को गति देगा. यह सिर्फ एक योजना नहीं है, यह पंजाब के भविष्य में एक महत्वपूर्ण और बड़ा निवेश है.

परिवहन मंत्री ने इस महत्वपूर्ण पहल पर जोर देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री मान के ‘विजन’ के तहत, हमने न सिर्फ घोषणाएं की हैं, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर लागू भी किया है. उन्होंने कहा, “ये परमिट केवल कागज नहीं हैं, बल्कि हमारे बेरोजगार युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता का पासपोर्ट हैं. हम पंजाब को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

इस योजना का दोहरा लाभ है—जहां एक ओर व्यापक रोजगार सृजन हो रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी सुधार आ रहा है. मुख्यमंत्री मान ने लंबे समय से बंद पड़ी ग्रामीण बस सेवाओं को बहाल करने का जो निर्देश दिया था, वह अब फलीभूत हो रहा है. ये बसें प्रमुख रूप से ग्रामीण संपर्क सड़कों और अन्य जिला सड़कों पर चलेंगी, जिससे गांव और शहर के बीच की दूरी कम होगी. बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलने से किसानों, मजदूरों, छात्रों और आम जनता को दैनिक जीवन में बड़ी राहत मिली है.

इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए, परिवहन विभाग ने इस योजना के तहत शुरुआत में ही 154 स्टेज कैरिज परमिट जारी कर दिए हैं. ये परमिट मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 5 के साथ-साथ पंजाब सरकार द्वारा अनुमोदित परिवहन योजना के खंड 3(ई) के तहत दिए गए हैं, जो दर्शाता है कि सरकार पूरी कानूनी और प्रशासनिक मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है.

पंजाब सरकार जन-कल्याण और युवा सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है. यह योजना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार कठिन चुनौतियों का समाधान कर रही है और बेहतर कल के लिए ठोस कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री मान ने अंत में कहा, “हर बस एक परिवार के लिए रोजगार का दरवाजा है. सरकार नौजवानों को सिर्फ अवसर नहीं, विश्वास भी दे रही है.” यह जनता के लिए ‘मान’ की गारंटी है, जो अब जमीन पर दिखाई दे रही है.

जहां एक ओर दिल्ली की चार इंजन वाली भाजपा सरकार डीटीसी बसों को सड़कों से गायब कर रही है और लोगों को घंटों बसों का इंतजार करना पड़ रहा है, यमुना पार के रूट्स पर तो हालत और भी बदतर है—ड्राइवर महिलाओं को देखकर बस नहीं रोक रहे, जिससे आम जनता को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी ओर, पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने जनता को सस्ती और सुलभ यातायात सुविधा देने का वादा निभाया है. 3000 नए बस रूट्स की बहाली और युवाओं को रोजगार देने की पहल ने यह साबित कर दिया है कि अगर नीयत साफ हो तो विकास अपने आप रास्ता बना लेता है.

 

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