नई दिल्ली। महाराष्ट्र में किसानों का आंदोलन बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रहार पार्टी के नेता बच्चू कडू के नेतृत्व में नागपुर में सैकड़ों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इन किसानों की मुख्य मांग राज्य भर के कर्ज में डूबे किसानों के लिए तत्काल और बिना शर्त कर्ज माफी है।
प्रदर्शनकारी किसान नागपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर एकत्र हुए और यातायात को अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने कृषि संकट के समाधान में सरकार की कथित निष्क्रियता के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। बच्चू कडू ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो यह विरोध प्रदर्शन और भी तेज हो जाएगा।
कडू ने स्पष्ट किया कि “अब हम दोपहर 12 बजे के बाद रेल रोकेंगे। हमारे किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। अगर राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है, तो केंद्र सरकार को मदद करनी चाहिए।” उन्होंने सरकार पर फसल मुआवजे और मूल्य आश्वासन की किसानों की मांगों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया।
किसानों की मांग है कि उन्हें सोयाबीन के लिए 6,000 रुपये प्रति क्विंटल और हर फसल पर 20 प्रतिशत बोनस मिले। कडू ने इस बात पर जोर दिया कि “मध्य प्रदेश ने भावांतर योजना लागू की है, लेकिन महाराष्ट्र में एक भी फसल को उसका पूरा दाम नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री के पास किसानों से मिलने का भी समय नहीं है।” उन्होंने दावा किया कि पहले ही एक से डेढ़ लाख किसान इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो चुके हैं और अनुमान लगाया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो गुरुवार तक एक लाख और किसान आ जाएंगे।
इस महीने की शुरुआत में, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के 29 जिलों में बाढ़ और बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज में 68 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर बर्बाद हुई फसलों के लिए किसानों को 10,000 रुपये की नकद राहत शामिल है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने इस पैकेज को अपर्याप्त बताया है और ग्रामीण संकट को और बढ़ने से रोकने के लिए कृषि ऋणों की पूर्ण माफी की मांग कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार में देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने किसानों की मदद के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 2,215 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है, जिससे 31 लाख से ज़्यादा किसानों को लाभ हुआ है।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों को 10,000 रुपये नकद और 35 किलो अनाज उपलब्ध कराने की योजना भी शुरू की है। इसके अतिरिक्त, अल्पकालिक कृषि ऋणों की वसूली रोक दी गई है और भू-राजस्व तथा स्कूली परीक्षाओं में छूट दी गई है। इसके बावजूद, किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और कर्ज माफी तथा फसलों के उचित दाम की मांग को लेकर अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं।
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