पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए राहुल गांधी, भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई), मेटा (फेसबुक), गूगल, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोटिस जारी किया है. कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पी.बी. बजंथ्री की खंडपीठ ने विवेकानंद सिंह द्वारा दायर एक लोकहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार पर चिंता
याचिकाकर्ता विवेकानंद सिंह ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन पोर्टलों के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी माता के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक सामग्री फैलाई जा रही है. याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार, संजय अग्रवाल और प्रवीण कुमार ने कोर्ट से आग्रह किया कि संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया जाए कि वे सभी पोर्टलों से ऐसी सामग्रियों का प्रसार तत्काल रोकें और उन्हें हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें.
सुनियोजित अभियान का आरोप
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार ने अपनी दलील में कहा कि एक सुनियोजित तरीके से प्रधानमंत्री और उनकी माता को निशाना बनाकर फर्जी और अपमानजनक टिप्पणियां ऑनलाइन फैलाई जा रही हैं. उन्होंने इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की.
कोर्ट ने मांगा केंद्र और राज्य सरकार से जवाब
पटना हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया पर इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री का प्रसार अस्वीकार्य है और इस पर लगाम लगाना आवश्यक है. यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानहानि के बीच की रेखा को लेकर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ सकता है, खासकर जब यह सार्वजनिक हस्तियों से संबंधित हो. इस आदेश के बाद अब सभी संबंधित पक्षों को हाई कोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत करना होगा.
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