चुराचांदपुर, मणिपुर: 13 सितंबर, 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मणिपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। हालांकि, उनके इस दौरे को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने “ढोंग और दिखावा” बताते हुए तीखी आलोचना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के चुराचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में 3,600 करोड़ रुपये से अधिक की मणिपुर शहरी सड़कें, जल निकासी और परिसंपत्ति प्रबंधन सुधार परियोजना, 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएँ, मणिपुर इन्फोटेक डेवलपमेंट (MIND) परियोजना और 9 स्थानों पर कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए चुराचांदपुर में लोगों में भारी उत्साह देखा गया, जहां स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर उनका स्वागत किया। एक कलाकार ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री भविष्य में भी राज्य में और विकास लाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मणिपुर पहुंचने पर हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। हालांकि, कांग्रेस ने उनके इस दौरे को “दिखावटी” और “राज्य के लोगों का घोर अपमान” बताया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आप (पीएम मोदी) अपने लिए एक भव्य स्वागत समारोह आयोजित कर रहे हैं। यह उन लोगों के ज़ख्मों पर एक क्रूर प्रहार है जो अभी भी बुनियादी संवैधानिक ज़िम्मेदारियों से आपके त्याग के कारण पीड़ित हैं!” उन्होंने आगे कहा, “मणिपुर में आपका 3 घंटे का ‘पिट स्टॉप’ करुणा नहीं है – यह ढोंग, दिखावा और एक घायल लोगों का घोर अपमान है। इंफाल और चुराचांदपुर में आपका तथाकथित ‘रोड शो’ राहत शिविरों में लोगों की चीखें सुनने से एक कायरतापूर्ण पलायन के अलावा और कुछ नहीं है!”
इस दौरे से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने मिजोरम में भी कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और पूर्वोत्तर के विकास पर जोर दिया। मिजोरम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के विकास के लिए काम कर रही है और यह क्षेत्र भारत का विकास इंजन बन रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले कुछ वर्षों में, पूर्वोत्तर के कई राज्य भारत के रेल मानचित्र पर आ गए हैं और सरकार ने ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों, मोबाइल कनेक्टिविटी, इंटरनेट कनेक्शन, बिजली, नल का पानी और एलपीजी कनेक्शन जैसी सभी प्रकार की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने यह भी बताया कि मिजोरम को हवाई यात्रा के लिए उड़ान योजना का लाभ मिलेगा और जल्द ही यहां हेलीकॉप्टर सेवा शुरू होगी, जिससे दूरदराज के इलाकों तक पहुंच बेहतर होगी। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि उनकी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और उभरते पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे, दोनों में मिजोरम की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना और सैरांग-ह्मांगबुचुआ रेलवे लाइन का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे मिजोरम दक्षिण पूर्व एशिया के माध्यम से बंगाल की खाड़ी से भी जुड़ जाएगा, जिससे पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि मिजोरम के लोग हमेशा स्वतंत्रता आंदोलन हो या राष्ट्र निर्माण, योगदान देने के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि त्याग और सेवा, साहस और करुणा, ये मूल्य मिजोरम समाज के केंद्र में हैं और आज मिजोरम भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र के लिए, विशेषकर मिजोरम के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने 8,070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का उद्घाटन किया, जो मिजोरम की राजधानी को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। चुनौतीपूर्ण पहाड़ी क्षेत्र में निर्मित इस रेल लाइन परियोजना में जटिल भौगोलिक परिस्थितियों में 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 88 छोटे पुल शामिल हैं। खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री मिजोरम में सभास्थल तक नहीं पहुंच सके और उन्होंने ऑनलाइन ही रेल लाइन का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट’ शिखर सम्मेलन में निवेशकों को पूर्वोत्तर की क्षमता का दोहन करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन बड़े पैमाने पर निवेश और परियोजनाओं के लिए रास्ता खोल रहा है। उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जिससे पूर्वोत्तर के कारीगरों और किसानों को बहुत लाभ होता है, जैसे मिजोरम के बांस के उत्पाद, जैविक अदरक, हल्दी और केले। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जीवन को सुगम बनाने और व्यापार को सुगम बनाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं, और अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की घोषणा की गई है, जिससे कई उत्पादों पर कर कम होंगे और परिवारों का जीवन आसान होगा।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री मोदी का पूर्वोत्तर का दौरा, जिसमें मणिपुर और मिजोरम शामिल थे, विकास परियोजनाओं के उद्घाटन और क्षेत्र की प्रगति पर जोर देने के लिए केंद्रित था, लेकिन मणिपुर में उनके आगमन को लेकर राजनीतिक विरोध और आलोचना का भी सामना करना पड़ा।
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