नई दिल्ली। नेपाल सरकार ने जेन जेड (Gen Z) युवाओं के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद सोशल मीडिया ऐप पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया है। इन प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के साथ झड़पें हुईं, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई।
नेपाल के संचार, सूचना और प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने देर रात यह घोषणा की कि सरकार ने सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने के अपने पिछले फैसले को वापस ले लिया है। एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री ने कहा, “सरकार ने जेन-जेड की मांग को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया को खोलने का फैसला पहले ही कर लिया था।”
हालांकि, गुरुंग ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद करने के अपने पिछले फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा, “चूंकि इस मुद्दे को बहाना बनाकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे, इसलिए सोशल मीडिया साइटों को फिर से खोलने का फैसला किया गया है।” गुरुंग ने ‘जेन जेड’ समूह से भी अपना विरोध प्रदर्शन वापस लेने का अनुरोध किया।
कैबिनेट ने आज हुई हिंसा की जांच के लिए एक जांच समिति भी बनाई है, जिसे 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी होगी। कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पहले कहा था कि प्रतिबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), ने ऐसे तरीके से प्रतिक्रिया दी थी जिससे नेपाल की राष्ट्रीय संप्रभुता का अपमान हुआ।
यह प्रतिबंध युवाओं के बीच व्यापक असंतोष का कारण बना था, जो सोशल मीडिया को अपनी अभिव्यक्ति और सूचना का प्राथमिक माध्यम मानते हैं। प्रतिबंध के कारण कई हिंसक प्रदर्शन हुए, जिससे सरकार पर इसे हटाने का दबाव बढ़ गया था।
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