Uttarpradesh: छेड़छाड़ के आरोप में मुकदमा दर्ज होने के बाद युवक का शव पेड़ से लटका मिला, आत्महत्या की आशंका – The Hill News

Uttarpradesh: छेड़छाड़ के आरोप में मुकदमा दर्ज होने के बाद युवक का शव पेड़ से लटका मिला, आत्महत्या की आशंका

संभल: गुन्नौर पुलिस द्वारा महिला से छेड़छाड़ करने के आरोप में गांव फतेहपुर के युवक जयप्रकाश के खिलाफ तीन दिन पहले मुकदमा दर्ज किया गया था। सोमवार को उसका शव गांव से थोड़ी दूरी पर शहतूत के पेड़ पर लटका मिला। बताया जा रहा है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद से जयप्रकाश गायब था। स्वजन उसकी तलाश करते हुए खेत में पहुंचे और शव को नीचे उतार लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

मुकदमा दर्ज होने के बाद से था लापता

ग्रामीणों का कहना है कि जयप्रकाश (30) पुत्र प्रेम सिंह, मुकदमा दर्ज होने के बाद से घर नहीं लौटा था। स्वजन को लगा कि तनाव के चलते वह कहीं चला गया होगा, इसलिए सब लोग उसकी तलाश में जुटे थे। इसी बीच, सोमवार सुबह करीब छह बजे किसी ने उसका शव पेड़ पर लटका होने की जानकारी दी। यह खबर सुनते ही स्वजन तुरंत मौके पर पहुंचे और सांस होने की उम्मीद में शव को नीचे उतारा, लेकिन तब तक जयप्रकाश की मौत हो चुकी थी। इसके बाद उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी।

शर्म के कारण आत्महत्या की चर्चा

गांव में इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। अधिकांश ग्रामीणों का मानना है कि छेड़छाड़ के आरोप में मुकदमा दर्ज होने की शर्म और सामाजिक बदनामी के कारण जयप्रकाश ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। यह घटना समाज में ऐसे मामलों के संवेदनशील पहलुओं और आरोपी पर पड़ने वाले मानसिक दबाव को उजागर करती है। जयप्रकाश तीन भाइयों में सबसे बड़ा था, और उसकी मौत से परिवार सदमे में है।

पुलिस कर रही है मामले की जांच

कोतवाली प्रभारी अखिलेश प्रधान ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन पुलिस अन्य पहलुओं को भी ध्यान में रखकर जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस घटना के पीछे कोई अन्य कारण तो नहीं था, या फिर छेड़छाड़ के आरोप में दर्ज मुकदमे का उस पर कितना मानसिक दबाव था।

यह घटना एक गंभीर सामाजिक मुद्दे को दर्शाती है जहां आरोप और बदनामी व्यक्ति को किस हद तक प्रभावित कर सकती है। पुलिस को इस मामले की गहनता से जांच करनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। परिवार और ग्रामीणों को भी इस दुखद घटना के बाद काउंसलिंग और समर्थन की आवश्यकता हो सकती है।

 

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