नई दिल्ली। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के संबंधों को “बहुत खास” बताया है और इस बात पर जोर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “हमेशा उनके दोस्त रहेंगे।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भारत और अमेरिका के रिश्तों को लेकर किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
हालांकि, ट्रंप ने अपने बयान में यह भी स्वीकार किया कि उन्हें इस समय पीएम मोदी द्वारा उठाए गए कुछ कदम पसंद नहीं आ रहे हैं। इसके बावजूद, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि दोनों देशों के रिश्तों में किसी प्रकार की कोई दरार नहीं है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वह भारत के साथ रिश्तों को फिर से मजबूत करने के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने दृढ़ता से कहा, “मैं हमेशा रहूंगा। मोदी एक महान प्रधानमंत्री हैं। बस इस वक्त जो वो कर रहे हैं वह मुझे पसंद नहीं, लेकिन भारत-अमेरिका का रिश्ता बहुत खास है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है।” यह बयान दर्शाता है कि व्यक्तिगत मतभेदों के बावजूद, ट्रंप दोनों देशों के रणनीतिक महत्व को समझते हैं।
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता?
मीडिया से बातचीत के दौरान, ट्रंप ने यह भी उल्लेख किया कि भारत सहित कई देशों के साथ अमेरिका के व्यापार समझौते “अच्छी प्रगति कर रहे हैं।” हालांकि, उन्होंने यूरोपीय संघ (EU) पर अपनी नाराजगी व्यक्त की, जिसने हाल ही में अमेरिकी टेक कंपनी गूगल पर ऑनलाइन विज्ञापन तकनीक (AdTech) क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने के आरोप में 3.5 अरब डॉलर का भारी जुर्माना लगाया था।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि यूरोपीय संघ अमेरिकी कंपनियों के साथ भेदभाव कर रहा है, और उनकी सरकार इसे “बर्दाश्त नहीं करेगी।” उन्होंने इस कार्रवाई को “अमेरिका के बड़े बिजनेस के खिलाफ अनुचित” बताया। यह टिप्पणी यूरोपीय संघ के साथ व्यापार संबंधों में संभावित तनाव को दर्शाती है, खासकर जब बात अमेरिकी कंपनियों पर लगे जुर्मानों की आती है।
अपने बयान से पलटे ट्रंप
यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह लिखा था कि अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के हाथों “खो दिया है।” हालांकि, बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपने इस बयान से पलटते हुए कहा कि उन्हें “ऐसा नहीं लगता” कि ऐसा हुआ है। यह उनके बयानों में एक उल्लेखनीय बदलाव को दर्शाता है, संभवतः भारत जैसे महत्वपूर्ण साझेदार के साथ संबंधों की संवेदनशीलता को देखते हुए।
ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत का रूस से अधिक तेल खरीदना उन्हें “निराश” करता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर भारत को अवगत कराया है। दूसरी ओर, भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि “भारत-अमेरिका का रिश्ता मजबूत है और यह लोकतांत्रिक मूल्यों, साझा हितों और लोगों के आपसी रिश्तों पर आधारित है।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दोनों देश “व्यापार सहित सभी मुद्दों पर जुड़े रहेंगे।” यह भारत की ओर से संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, भले ही कुछ मुद्दों पर मतभेद हों। कुल मिलाकर, ट्रंप के बयान भारत-अमेरिका संबंधों की जटिलता को उजागर करते हैं, जहां व्यक्तिगत पसंद और नापसंद के बावजूद रणनीतिक संबंध महत्वपूर्ण बने रहते हैं।