शिमला। हिमाचल प्रदेश के मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और शिमला सहित अन्य स्थानों पर वीरवार को भारी वर्षा हुई। इसके साथ ही शिंकुला और बारालाचा दर्रे में हिमपात भी हुआ, जिससे अधिकतम तापमान में दो से छह डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। सबसे अधिक गिरावट नेरी में 6.6 डिग्री, कांगड़ा में 3.3 डिग्री और हमीरपुर में 3.2 डिग्री सेल्सियस की आई। लाहुल घाटी में नदी-नालों में बाढ़ आने से कई रास्ते बंद हो गए, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कुल्लू में भूस्खलन से तबाही
कुल्लू के अखाड़ा बाजार में दूसरे दिन भी भूस्खलन हुआ। इनर अखाड़ा बाजार में वीरवार सुबह छह बजे हुए भूस्खलन की जद में दो घर आ गए, जिनमें 10 लोग थे। इस घटना में मलबे में दबने से जम्मू-कश्मीर निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई। तीन लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से गंभीर घायल अभिनव सांख्यान को एम्स बिलासपुर रेफर किया गया है, जबकि दो लोग क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में उपचाराधीन हैं। भूस्खलन के बाद छह लोग अभी भी लापता हैं। इनमें से पांच लोग जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं, जो नमाज अदा करने के बाद यहां एक घर में रुके थे। इनर अखाड़ा में बुधवार को मलबे में दबे दोनों लोग भी अभी लापता हैं।
मंडी में मकान ढहे, भूस्खलन से लोग बेघर
मंडी जिले के भंतेहड़ में एक दोमंजिला मकान गिर गया, जबकि हुरंग में पेड़ गिरने से एक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। जिले में कुल 21 मकानों में दरारें आने के कारण लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं। सराज के गांव कुदाड़ में भूस्खलन के कारण आठ परिवार बेघर हो गए हैं। जरोल में भी पांच घरों में दरारें आने के बाद उन्हें खाली करवाया गया है। उपमंडल जोगेंद्रनगर की लांगणा पंचायत के कोटला गांव में छह मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि 15 से अधिक घरों और पशुशालाओं पर भी खतरा मंडरा रहा है।
मनीमहेश यात्रा में फंसे श्रद्धालुओं का रेस्क्यू जारी
भरमौर से अब तक 15,000 श्रद्धालु सुरक्षित निकाले जा चुके हैं, जबकि 800 श्रद्धालु अभी भी भरमौर में फंसे हुए हैं। वीरवार सुबह हेलीकॉप्टर से 29 श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट किया गया। हालांकि, खराब मौसम के कारण और उड़ानें नहीं हो पाईं। 450 श्रद्धालुओं को टैक्सियों से चंबा-भरमौर मार्ग पर पड़ने वाले दुर्गेठी के लिए रवाना किया गया। श्रद्धालुओं को कलसुईं से नूरपुर और पठानकोट तक एचआरटीसी (HRTC) बसों में नि:शुल्क भेजा जा रहा है।
कुल मिलाकर, हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और संबंधित आपदाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य सरकार और विभिन्न राहत एजेंसियां प्रभावित लोगों तक पहुंचने और उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही हैं।
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