महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजित पवार एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार वजह एक वायरल वीडियो है, जिसमें वह सोलापुर की एक महिला आईपीएस अधिकारी, सब-डिविजनल पुलिस अफसर (DSP) अंजना कृष्णा को कथित तौर पर धमकाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह घटना अवैध मुरम (रेत जैसी मिट्टी) खनन को लेकर हुई कार्रवाई से संबंधित है, जब अधिकारी खनन रोकने पहुंची थीं।
घटना सोलापुर के करमाला तालुका के कुरडु गांव में दो दिन पहले हुई। DSP अंजना कृष्णा अवैध मुरम खनन की शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए मौके पर पहुंची थीं। सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मुरम के अवैध खनन को रोकने के लिए उन्होंने सख्त कदम उठाए। हालांकि, गांव वालों ने उनकी कार्रवाई का विरोध किया। इसी बीच, NCP के स्थानीय कार्यकर्ता बाबा जगताप ने कथित तौर पर सीधे अजित पवार से फोन पर बात कराई।
वायरल वीडियो में साफ सुनाई देता है कि अजित पवार, बाबा जगताप के फोन पर DSP अंजना कृष्णा से बात कर रहे हैं। बातचीत के दौरान, अंजना कृष्णा ने अजित पवार से कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं उपमुख्यमंत्री से बात कर रही हूं। कृपया मेरे नंबर पर सीधे कॉल करें।” इस बात पर अजित पवार भड़क गए और गुस्से में जवाब दिया, “एक मिनट, मैं तेरे ऊपर एक्शन लूंगा। मैं खुद बात कर रहा हूं और तू कह रही है सीधे कॉल करो? इतना डेरिंग हुआ है क्या?”
इसके बाद, अजित पवार ने कथित तौर पर व्हाट्सएप वीडियो कॉल की, जिसमें उन्होंने अधिकारी को कार्रवाई रोकने के लिए कहा। DSP अंजना कृष्णा ने बाद में सफाई दी कि उन्हें नहीं पता था कि वह उपमुख्यमंत्री अजित पवार से बात कर रही हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस छिड़ गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या एक बड़े राजनीतिक नेता को इस तरह एक अधिकारी को धमकाना उचित है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि अजित पवार ने केवल अपने कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश की थी।
NCP ने अपने नेता का बचाव करते हुए कहा है कि अजित पवार की बातों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा, “अजित दादा ने सिर्फ कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए अफसर को डांटा, उनका इरादा कार्रवाई रोकना नहीं था। वह कभी गैरकानूनी काम का समर्थन नहीं करते।” पार्टी के प्रवक्ता आनंद परांजपे ने भी कहा कि यह वीडियो जानबूझकर गलत रंग दिया जा रहा है और अजित पवार सिर्फ हालात को काबू में करने की कोशिश कर रहे थे।
दूसरी ओर, विपक्ष ने इस मौके को भुनाने में देर नहीं की। कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि अजित पवार ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है और एक ईमानदार अधिकारी को डराने की कोशिश की है। इस मामले में DSP अंजना कृष्णा, तहसीलदार और सब-डिविजनल अफसर ने अभी तक कोई खुलकर टिप्पणी नहीं की है। सभी ने बस इतना कहा है कि मामला जांच के दायरे में है। अभी तक कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं हुई है। NCP का दावा है कि यह वीडियो जानबूझकर लीक किया गया है ताकि अजित पवार को बदनाम किया जा सके।