उत्तरकाशी में मानसून का कहर जारी है। हर्षिल और स्यानाचट्टी के बाद अब भटवाड़ी के पापड़गाड में भागीरथी नदी पर एक नई झील बन गई है, जिससे भटवाड़ी और नदी से सटे इलाकों में लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। गुरुवार देर रात पापड़गाड में मलबा और बोल्डर गिरने से भागीरथी नदी का प्रवाह रुक गया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 100 मीटर क्षेत्र में झील बन गई है।
इस बीच, स्यानाचट्टी और हर्षिल में पहले से बनी झीलों से पानी की निकासी के लिए चैनलाइजेशन का काम जारी है। दोनों ही स्थानों पर एक्सावेटर और बैक हो लोडर मशीनें मलबा हटाकर नदी का मुहाना चौड़ा करने में जुटी हुई हैं। स्यानाचट्टी में यमुना नदी का जलस्तर पुल से 3 फीट नीचे है, जबकि हर्षिल-धराली के बीच बनी झील का जलस्तर भी पहले से काफी कम हो गया है।
गौरतलब है कि बीते 5 अगस्त को हर्षिल-धराली में आपदा के दौरान एक विशालकाय झील का निर्माण हुआ था। वहीं, स्यानाचट्टी में 28 जून से ही अस्थायी झील बनने की समस्या बनी हुई है। बीते 21 अगस्त की शाम को कुपड़ा गाड के उफान के साथ आए मलबे के कारण अचानक यमुना नदी का प्रवाह अवरुद्ध होने से झील बन गई थी। अगले दिन रात को मूसलाधार बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से झील प्राकृतिक रूप से खाली हो गई थी। हालांकि, गत रविवार को यह झील दोबारा बनना शुरू हो गई। बीते बुधवार से दोनों जगह झील से पानी की निकासी के लिए मशीनों द्वारा मलबा हटाने का काम किया जा रहा है। स्यानाचट्टी में 15 मीटर लंबाई और 3 मीटर चौड़ाई में मलबा हटाया गया है। इधर, हर्षिल में भी झील से पानी की निकासी को बढ़ाने के लिए भागीरथी नदी के मुहाने को चौड़ा किया जा रहा है।
स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बनी झील से मोटरपुल पर भी खतरा मंडरा रहा था। पुल के पास से एक्सावेटर मशीन ने झील में उतरकर मलबा हटाया है, जिसके बाद अधिकारियों ने पुल पर किसी तरह के खतरे से इनकार किया है।
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